मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम पावर एंप्लाइज यूनियन द्वारा निजीकरण का लंबे समय से विरोध किया जा रहा है इसको लेकर चरणबद्ध तरीके से विरोध प्रदर्शन यूनाइटेड फोरम द्वारा सोमवार से प्रारंभ कर दिया गया है इसी कड़ी में मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम से जुड़े समस्त अधिकारी कर्मचारियों द्वारा 2 घंटे कार्य का बहिष्कार कर विरोध प्रकट किया गया। यूनाइटेड फोरम से जुड़े विद्युत विभाग के समस्त अधिकारी कर्मचारी शाम को 4 से 6 बजे तक शासकीय कार्य से प्रथक रहे। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मौजूद मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम के पदाधिकारी एवं सहायक अभियंता चंद्रभास चंद्राकर ने बताया कि निजीकरण के विरोध में यूनाइटेड फोरम के बैनर तले चार चरणबद्ध तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का कार्यक्रम प्रस्तावित किया गया है जिसके प्रथम चरण में सोमवार को 2 घंटे कार्य का बहिष्कार किया गया। आगामी 10 तारीख को एक दिवसीय कार्य का बहिष्कार किया जाना है 24 से 26 तारीख के बीच में 3 दिनों तक कार्य का बहिष्कार करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है तथा 6 सितंबर से कार्य का अनिश्चितकालीन बहिष्कार किया जाएगा। हमारी बहुत सी मांगे लंबित है जिसमें सबसे प्रमुख मांग निजीकरण की है वर्तमान में लोकसभा जो चल रही है उसमें विद्युत सुधार अधिनियम के तहत निजीकरण किया जा रहा है भारत भर में जितने भी विद्युत कंपनियां है उनका निजी करण करने का प्रस्तावित है इसके विरोध में संपूर्ण भारत में 15 लाख कर्मचारियों द्वारा 2 घंटे कार्य का बहिष्कार किया गया है। जब तक मांग पूरी नहीं की जाती ऐसी लड़ाइयां लड़ी जाती रहेगी, इसके अलावा भी अन्य मांगे हैं आउटसोर्स कर्मचारियों का नियमितीकरण संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण तथा पेंशन कर्मचारियों की भी समस्या है।
निजीकरण से विद्युत कर्मचारियों पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा – पटले
मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम के प्रांतीय सचिव आईडी पटले ने बताया कि शासन द्वारा हमारी मांगों की अनदेखी की जा रही है आज से लोकसभा शुरू हुई है जिसमें विद्युत सुधार अधिनियम को लाकर पास किया जा रहा है इससे विद्युत उपभोक्ताओं के साथ ही कर्मचारियों को बहुत समस्या का सामना करना पड़ेगा। निजी करण से विद्युत कर्मचारियों पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इसमें सेवा शर्तों का उल्लेख नहीं किया गया है सरकार हमारी मांग पर सुनवाई नहीं कर रही है इसी के विरोध स्वरूप यूनाइटेड फोरम द्वारा कार्य का बहिष्कार कर विरोध प्रकट किया जा रहा है।