सार्वजनिक राशन वितरण योजना में शासन द्वारा राशन कार्डधारियों को पहली बार गेहूं, चावल के साथ बाजरा भी खाद्यान्न सामग्री में देने की शुरुआत की जा रही है। यानी अब लोग बाजरा का भी जायका ले सकेंगे। इसके लिए आवंटन प्राप्त हो चुका है। उधर, खाद्यान सामग्री वितरण में राशन दुकानों पर जानकारी के अभाव में कई बार कम राशन मिलने की शिकायतें सामने आती हैं, किंतु जिम्मेदार इस ओर अनदेखी कर देते हैं।
धार जिले के बदनावर तहसील क्षेत्र में प्राथमिक एवं अंत्योदय के 33 हजार840 परिवार हैं। इनमें 1 लाख41हजार 889 सदस्य दर्ज हैं। इन दर्ज परिवारों को प्रतिमाह राशन सामग्री वितरण करने के लिए क्षेत्र में शासकीय उचित मूल्य की 94 दुकानें संचालित हैं। जिनमें 6 बदनावर शहर में तथा 88ग्रामीण क्षेत्र में शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा राशन कार्डधारियों को फरवरी से पहली बार बाजरा देने की शुरुआत की जा रही है। इसके लिए आवंटन प्राप्त हुआ है, जिसमें 3 हजार122 क्विंटल बाजरा, 2 हजार 776 क्विंटल गेहूं, 890 क्विंटल चावल, 88 क्विंटल नमक एवं 17 क्विंटल शक्कर शामिल है। हालांकि फरवरी में कुल मात्रा में से आवंटन कम आया है। नागरिक आपूर्ति बदनावर द्वारा दुकानों के लिए खाद्यान्न का उठाव किया जा रहा है।
अभी तक यह मिलता है
वैसे अभी तक प्रतिमाह प्राथमिक परिवार के सदस्यों को प्रति सदस्य चार किलो गेहूं व1 किलो चावल एवं प्रति कार्ड दो लीटर मिट्टी का तेल तथा एक किलो नमक मिलता है। इसी प्रकार अंत्योदय परिवार के लिए एक कार्ड पर 30 किलो गेहूं, 5 किलो चावल, एक किलो शक्कर तथा 3 लीटर केरोसिन दिया जाता है। इनमें केरोसिन का वितरण शासन द्वारा माहवार पात्रतानुसार तय किया जाता है, परंतु इस बार से बाजरा को भी खाद्यान्न सामग्री में शामिल किया गया है। राशन सामग्री शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंचना प्रारंभ हो गई है। एनआईसी द्वारा पोर्टल खोले जाने पर वितरण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
क्या है नियम
वस्तु खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अनुसार राज्य शासन द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान के माध्मय से सामग्री वितरण की जाती है। किंतु देखा यह गया है कि अधिकांश शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर सूचीबद्ध बोर्ड तो लगे हैं, किंतु वे अपडेट नहीं रहते हैं। इससे कई बार उपभोक्ताओं को उचित जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है। कई मर्तबा दुकानों पर समय से पहले ही स्टाक खत्म होने की जानकारी उपभोक्ताओं दी जाती है। ग्रामीण अंचल में कुछ दुकानें ऐसी भी हैं, जो नियत समय पर नहीं खुलती हैं। इससे मजदूरी छोड़कर इंतजार करते लोगों को दोहरी परेशानी उठानी पड़ती है। इस बारे में कई बार अधिकारियों को ग्रामीण शिकायत कर चुके हैं, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है।
नए सूची बोर्ड बनवा रहे हैं
सहायक आपूर्ति अधिकारी मंशाराम कलमे ने बताया कि क्षेत्र की सभी 94 सार्वजनिक उचित मूल्य की दुकानों के लिए नए सूची बोर्ड बनवाए जा रहे हैं। इसके अलावा सभी को नियमित दुकान खोलने के निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई शिकायत मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी।