व्यवहार न्यायालय वारासिवनी परिसर में 16 सितंबर को ई सेवा केंद्र शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर पोर्टफोलियो जज एके सिंह के मुख्य आतिथ्य, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालाघाट दिनेश चंद्र थपलियाल की अध्यक्षता, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष दिनेश कातरे की उपस्थिति में प्रारंभ किया गया। जिसमें उपस्थित जनों के द्वारा मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात ई सेवा केंद्र का फीता काटकर शुभारंभ किया गया जहां पर कंप्यूटर चालू कर ई सेवा का जायजा लिया गया। जिसके बाद वारासिवनी न्यायालय के न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट के द्वारा उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया गया तत्पश्चात अतिथियों के द्वारा कार्यक्रम को संबोधित कर सेवा के संबंध में जानकारी देते हुए नवाचार करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर पोर्टफोलियो जज एके सिंह के द्वारा न्यायालय परिसर एवं अदालतों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया। जिसमें व्यवस्थाओं का आकलन कर बेहतर करने के लिए निर्देशित किया गया। इस अवसर पर वारासिवनी न्यायालय के न्यायाधीश न्यायिक मजिस्ट्रेट एसडीएम एसडीओपी तहसीलदार पुलिस बल अधिवक्ता गण सहित न्यायालय राजस्व स्टाफ मौजूद रहा।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालाघाट दिनेश चंद्र थपलियाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोक सेवा केंद्र के रूप में ई सेवा केंद्र प्रारंभ किया गया है इसका नाम सेवा केंद्र है जो पक्षकारो और अधिवक्ताओं के लिए है। यह एक स्थान पर अनेक सुविधाएं आप सभी को उपलब्ध कराई गई है जिसके माध्यम से पक्षकार को तारीख पता करने में आसानी होगी उनकी विभिन्न समस्याओं का समाधान भी यही होगा। जो भी केस लगा है उसकी समस्त जानकारी मिल पाएगी पक्षकार को रिश्तेदार से मिलने के लिए पहले जेल जाना होता था परंतु अब वह यहां से ही ई मुलाकात भी कर सकते हैं। विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत किसी को सहायता चाहिए या कोई जानकारी लेना है वह भी यहां मिलेगी और मोबाइल पर एक ऐप भी है जिसके माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर ई सेवा का लाभ ले सकते हैं। यह एक क्रांतिकारी कदम है समय के साथ बदलाव है हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का पक्ष है कि सभी जानकारियां पक्षकार को मिले आने वाला समय सॉफ्ट कॉपी में रहेगा।
हाईकोर्ट पोर्टफोलियो जज एके सिंह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह नई चीज आई है न्यायाधीशों को जो भी डाउट हो तो वह पूछे और परिवर्तन के लिए तैयार रहे अभी हमने देखा तैयार स्पीच में सुधार आते गये। इसका अधिक उपयोग होना चाहिए मुकदमे बड़ी बीमारी की तरह है जिसे जितने जल्दी खत्म करें अच्छा है या शांति से समाधान निकाले। भाई-भाई में कई लड़ाई होती है तो दिमाग और नाक की बात होती है 20 वर्ष लड़ाई होती है उसमें हासिल कुछ नहीं होता है। लीगल एक्ट के माध्यम से इसका ज्यादा उपयोग करें 20 से 25 साल बाद पति-पत्नी भाई-भाई का झगड़ा होने पर हासिल होता कुछ नहीं है चैन पैसा सब जाता है।
श्री सिंह ने कहा कि जिला न्यायाधीश से अपील है कि समन्वय करें इसमें बातों का बड़ा रोल है हम दोनों को जीतना चाहते हैं नवाचार करें ताकि वारासिवनी का नाम पूरे प्रदेश और देश में हो इसमें हमें ताजमहल जैसी बिल्डिंग नहीं बनानी है। यहां पर मुकदमा 6 माह 1 साल का होना चाहिए माल खाना डिस्पोजल रहे 5 वर्ष के एक भी मुकदमे ना हो। यह सब बार के हाथ में बागडोर होती है बार परिवर्तन चाहती है या नहीं किंतु सब अच्छा दिख रहा है नवाचार करें। हम सिविल जज थे तो उतना नहीं समझते थे परंतु अब देखते हैं हमारा मंथन क्या करें होता है और आप अच्छे नवाचार कर बालाघाट को पीछे छोड़े।