धरती आबा बिरसा मुंडा जयंती मनाई गई

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)।  वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत वारा के वाराटोला में १५ नवंबर को भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं मुंडा जनजाति के लोक नायक धरती आबा बिरसा मुंडा जयंती मनाई गई। यह कार्यक्रम समाज के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में प्रारंभ किया गया। जिसमें शोभायात्रा निकालकर बिरसा मुंडा परिसर में सतरंगी ध्वज का ध्वजारोहण कर बड़ा देव की एवं प्रकृति की विशेष पूजा अर्चना कर जननायक बिरसा मुंडा एवं अन्य महापुरुषों को याद कर उनके गीतों पर सामूहिक नृत्य कर हर्षोल्लास के साथ जयंती मनाई गई। उपस्थित जनों ने कहा कि बिरसा मुंडा का जन्म १५ नवबंर १८७५ को एवं मृत्यु ९ जून १९०० को हुई। वह एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक थे। उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान १९ वीं शताब्दी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी अब झारखंड में हुए एक आदिवासी धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया। जिससे वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गये। उन्हें भारत के आदिवासी भगवान मानते हैं और  धरती आबा के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेज जानते थे कि बिरसा मुंडा कुछ ही दिनों में छूट जाएंगे क्यों कि उन पर लगाई गई धाराओं के अंतर्गत उनके ऊपर दोष साबित नहीं किया जा सकता। वो ये भी जानते थे कि बिरसा मुंडा छूटने के बाद विद्रोह को वृहद रूप देंगे और तब यह अंग्रेजों के लिए और घातक होगा। इसलिए उन्होंने उनके दातुन पानी में विषैला पदार्थ मिला दिया। रांची जेल में बिरसा की मौत हो गई। बिरसा मरे नहीं अपितु अमर हो गए। जब जब आदिवासी विद्रोह के बारे में हम बात करेंगे बिरसा मुंडा का नाम प्रथम पंक्ति में लिया जाएगा।

शोभायात्रा निकाल किया ग्राम का भ्रमण

बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा ग्राम के माता मंदिर से प्रारंभ हुई जो गांव के विभिन्न चौक चौराहों का भ्रमण करते हुए बालाघाट रोड़ स्थित बिरसा मुंडा परिसर पहुंची। जहां शोभायात्रा का समापन किया गया इस दौरान आदिवासी समाज के महिला ,पुरुष एवं बच्चे बड़ी संख्या में शामिल हुए जो भगवान बिरसा मुंडा अमर रहे। भगवान बिरसा मुंडा अमर रहे सहित महापुरुषों के उद्घोष लगाते रहे। जहां पर भुमका देवनसिंह अड़मे के द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का पूजन कर बड़ा देव की पूजा अर्चना करवायी गई। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर समाज के समस्त बालक बालिकाएं बुजुर्ग एवं महिलाओं के द्वारा सामूहिक नृत्य भी किया गया यह नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा।

भगवान बिरसा मुंडा समाज का गौरव है -मानसिंह परते

मानसिंह परते ने बताया कि वारा के यह ऐतिहासिक स्थान पर बिरसा मुंडा जयंती मनाई गई है। इसमें समाज के सभी लोग शामिल हुए हैं जहाँ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। भगवान बिरसा मुंडा ने जल जंगल जमीन की लड़ाई लड़ी इसी के तहत हम प्रकृति की पूजा कर रहे हैं। बिरसा मुंडा ने देश और समाज के लिए जो काम किया है उसे याद कर अपने आने वाले भविष्य के नागरिक हमारे बालक बालिकाओं को बता रहे हैं। इसी के साथ हमारे समाज को संदेश है कि जिस प्रकार बिरसा मुंडा ने समाज को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष किया तो यह भी अपने समाज के लिए सकारात्मक प्रयास करें। मुख्य रूप से शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करें हमारा काम प्रकृति को बचाना है और उसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं।

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