कमल नाथ पर राष्‍ट्रदोह का मामला चले : मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, गृहमंत्री ने कही ये ऐसी बात

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मध्‍य प्रदेश सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष कमल नाथ पर राष्‍ट्रदोह का मामला चलाए जाने की मांग की है। वहीं प्रदेश के गृहमंत्री डॉक्‍टर नरोत्‍तम मिश्रा के अनुसार कमल नाथ संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें पद की गरिमा रखनी चाहिए।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा- मैं मांग करूंगा कि कमलनाथ के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला चलना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि माननीय कमलनाथ जैसा व्यक्ति अगर वीडियो पर अपने कार्यकर्ताओं को ये कहते हैं कि मौका अच्छा है आग लगाओ, यही बात आतंकवादी कहते हैं कि हिन्दुस्तान में ये मौका अच्छा है बम फोड़ों, आग लगाओ। ये आतंकवाद की सूची में आता है।

गुना ब्‍यूरो के अनुसार पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्रसिंह सिसोदिया ने कहा कि कमल नाथ जैसा व्यक्ति अगर वीडियो पर अपने कार्यकर्ताओं से यह कहता है कि मौका अच्छा है, आग लगाओ। तो यही बात तो आतंकवादी कहते हैं, आग लगाओ, उत्पात मचाओ, अराजकता फैलाओ, जो कि आतंकवाद की सूची में आता है। मैं मांग करूंगा कि कमल नाथ पर राष्ट्रद्रोह का मामला चलना चाहिए।

जिला कोरोना प्रभारी और पंचायत मंत्री सिसोदिया बुधवार की दोपहर प्रेसवार्ता में सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों को भड़काना, भावनाओं से खेलना और अराजकता का माहौल पैदा करना, जबकि एक ओर धारा 144 लागू हो, महामारी का काल हो, उस समय इस तरह का वक्तव्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष देता है, तो मैं समझता हूं कि राष्ट्रद्रोह से कम की व्यवस्था नहीं है।

इसके बाद भी कमल नाथ् पर धारा 188 की कार्रवाई के सवाल पर पंचायत मंत्री ने कहा कि यही तो भाजपा की न्याय पक्षता है, लेकिन मैं मांग करता हूं कि कम से कम एनएसए का मामला तो बनता है। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेसियों से पूछना चाहता हूं कि छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के अशोक गहलोत और पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह से माफी मांगने क्यों नहीं कहते हैं। क्या इन राज्यों में मौतों का आंकड़ा सही है। सभी राज्यों में यही हालत है। इसलिए मैं कांग्रेसियों से कहना चाहता हूं कि पहले अपनी गिरेबां में झांकना चाहिए और अपनी पार्टी के लोगों से माफी मंगवाएं, जिसके बाद मप्र की बात करें। प्रेसवार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष गजेंद्रसिंह सिकरवार भी मौजूद थे।

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