बाली, इंडोनेशिया में उलूवातू मंदिर के लंबी पूंछ वाले बंदर वहां आने वाले पर्यटकों का कीमती सामान उठा लेते हैं और फिर खाने की कोई अच्छी चीज मिलने के बाद ही उसे लौटाते हैं। कई बार वे साधारण चीज स्वीकार नहीं करते हैं- जैसे कि ककड़ी की तुलना में अंगूर देने पर सामान जल्द लौटाते हैं। लेथब्रिज यूनिवर्सिटी, कनाडा के जीन बेपटिस्ट लेका ने एक अध्ययन से इस बात को साबित किया है। डॉ. लेका और उनके साथियों ने मंदिरों के आसपास वीडियो कैमरों से बंदरों की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया। उन्होंने, बंदरों द्वारा किसी पर्यटक का सामान उठाने और वापस करने के लगभग 2200 प्रयासों का विश्लेषण किया है। मंदिर के स्टाफ ने बंदरों के लिए तीन तरह के पुरस्कार रखे थे-कच्चे अंडे, बिस्कुट और फलों के छोटे पैकेट। बंदरों की पसंद अलग-अलग थी।
रिसर्च टीम ने बंदरों द्वारा चोरी किए जाने वाली वस्तुओं को छह श्रेणियों में बांटा- फोन केस, कैमरा बैग, प्लास्टिक बोतल जैसी खाली चीजें, हेयरपिन,की रिंग, हैट, चश्मे, जूते जैसी वस्तुएं और फोन, कैमरा टेबलेट, पर्स जैसा कीमती सामान। रिसर्च टीम ने पाया कि वयस्क बंदर समझते हैं कि कौन सा सामान अधिक कीमती है। वे कीमती सामान पर हाथ साफ करने को वरीयता देते हैं। उन्होंने अक्सर खाने की पसंदीदा चीज मिलने के बाद ही सामान लौटाया।