केंद्र-राज्य की योजनाओं से सतना को मिला लाभ, उच्च शिक्षा और रोजगार को लेकर निराशा

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सतना लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ है। सांसद गणेश सिंह एक उपचुनाव सहित लगातार चार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। वर्ष 2004, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव जीतकर 20 वर्ष से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें सतना सीट से मैदान में उतारा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इससे निश्चित तौर पर उनका राजनीतिक वजन प्रभावित हुआ है। लोकसभा क्षेत्र में विकास काम तो हुए हैं लेकिन उच्च शिक्षा व रोजगार के मामले में अभी भी युवा सांसद की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं।

सांसद निधि का शत-प्रतिशत उपयोग

गणेश सिंह का लोकसभा क्षेत्र सतना में विकास को लेकर प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। गणेश सिंह के अनुसार सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड्स) यानी सांसद निधि के रूप पांच वर्ष में उन्हें कुल 15 करोड़ रुपये मिले हैं। इसका पूरा उपयोग किया जा चुका है। सांसद निधि से उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कंक्रीट सड़कें, जल समस्या के समाधान के लिए धनराशि दी है। जलसंकट से निबटने के लिए उन्होंने विभिन्न ग्राम पंचायतों में पानी का टैंकर, पुल-पुलिया, यात्री प्रतीक्षालय व विद्यालय में अतिरिक्त भवन निर्माण कार्य के लिए धनराशि खर्च की है। कोविड काल में सांसद निधि से अस्पताल में आक्सीजन प्लांट, जांच की मशीन व अन्य उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं। सांसद ने प्रधानमंत्री राहत कोष से जिले के करीब 300 से अधिक लोगों को उपचार करवाने के लिए राहत राशि भी उपलब्ध कराई है।

आदर्श गांवों में कुछ समस्याएं बरकरार

गणेश सिंह ने इस कार्यकाल में पांच गांवों को आदर्श ग्राम बनाने के लिए गोद लिया था। इनमें अबेर, इटमा, टमाटर मंडी, राम स्थान व बड़ा इटमा शामिल हैं। इन गांवों में कंक्रीट सड़क निर्माण कार्य हुआ है। घर-घर पानी पहुंचाने के लिए पेयजल पाइपलाइन भी बिछाई गई है। अबेर की सरपंच अन्नू सिंह बताती हैं कि ग्राम पंचायत में मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सीसी सड़क व प्रधानमंत्री सड़क बनाई गई है। प्रधानमंत्री आवास के तहत 285 लोगों के आवास तैयार हैं। पानी की टंकी व पाइपलाइन में थोड़ी समस्या आ रही है। सांसद द्वारा गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना कराई गई है, लेकिन डाक्टरों की कमी अभी भी बनी हुई है। बड़ा इटमा की सरपंच रामकली पटेल बताती हैं कि ग्राम पंचायत में निजी कंपनी की ओर से पानी की टंकी बनवाकर घर-घर पानी पहुंचाने का वादा किया गया था, लेकिन टंकी में लीकेज होने के कारण पानी नहीं पहुंच पा रहा है। बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या है।

कुछ वादे पूरे, कुछ अधूरे

गणेश सिंह के कुछ चुनावी वादे पूरे हो गए हैं लेकिन स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का वादा अधूरा ही है। मैहर सीमेंट कंपनियों का हब है। इसके बावजूद यहां के युवाओं को रोजगार के लिए महानगरों का रुख करना पड़ता है। कंपनियां जहां बाहरी लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रही हैं, वहीं स्थानीय लोगों को केवल ठेके पर ही काम मिल पाता है। जिन वादों के दम पर गणेश सिंह को जीत मिलती रही, उनमें नेशनल हाईवे का निर्माण, मेडिकल कालेज की स्थापना और इसमें 150 एमबीबीएस सीट, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, राम वन पथ गमन के निर्माण का काम व मैहर में देवीलोक का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। सतना रेलवे स्टेशन को सुविधायुक्त बनाने की प्रक्रिया और हवाई सेवा से सतना को जोड़ने के लिए हवाई पट्टी का निर्माण कार्य चल रहा है।

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