स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में वर्ग 2 से वर्ग एक के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की गई थी जिसमें जिले भर से शिक्षक व शिक्षिका जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंचे थे किंतु बहुत से शिक्षक और शिक्षिकाओं के द्वारा चल रही काउंसलिंग पर सवाल खड़े करते हुए काउंसलिंग को नियम विरुद्ध करार कर दिया गया है उनका कहना है कि जो काउंसलिंग की जा रही है वह सही नहीं की जा रही है और इस काउंसलिंग में बहुत अधिक विसंगतियां है जो की सही नहीं है इसे विभाग द्वारा सही किया जाना चाहिए, जबकि इसके पहले भी जो काउंसलिंग की गई थी वह भी अव्यवस्थाओं के बीच जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में काउंसलिंग की गई थी, इसमें बहुत अधिक अव्यवस्था और खामियां हैं
आपको बता दे की स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश पर जब-जब भी जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में काउंसलिंग आयोजित की जाती है उस काउंसलिंग पर हर बार जिले के शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा सवाल खड़े कर दिए जाते हैं और हर बार जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में होने वाली काउंसलिंग को शिक्षा विभाग के शिक्षकों के द्वारा नियम विरुद्ध कराए जाने को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों पर ही आरोप लगाए जाते हैं, उनका कहना होता है कि जो नियम स्कूल शिक्षा विभाग के होने चाहिए, उस प्रकार से जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में काउंसलिंग नहीं की जाती और जब काउंसलिंग होती है तो जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में बहुत अधिक अव्यवस्थाएं देखने को मिलती है जो की सही नहीं है जबकि देखा जाए , तो जो विभाग के नियम है उस नियम को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा पालन नहीं किया जाता है और अव्यवस्थाओं के बीच काउंसलिंग की जाती है 29 जुलाई को भी वर्ग 2 से वर्ग एक के लिए जिले भर के शिक्षकों की काउंसलिंग आयोजित की गई थी, किंतु बहुत से शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा इस काउंसलिंग पर सवाल खड़े करते हुए पद्मेश न्यूज़ को हो रही काउंसलिंग में अव्यवस्थाओं को रखा गया और यह मांग की गई है कि जो काउंसलिंग की जा रही है वह सही नहीं है इस पर उच्च अधिकारियों को ध्यान दिया जाना चाहिए
काउंसलिंग में बहुत सारी अव्यवस्थाएं हैं – रितेश गेडाम
शासकीय शिक्षक संगठन के जिला अध्यक्ष रितेश गेडाम द्वारा बताया गया कि जो काउंसलिंग चल रही है उस काउंसलिंग में स्कूल शिक्षा विभाग के नियम को ध्यान में नहीं रखा जा रहा है और ना ही जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में रिक्त पदों की सूची चस्पा की गई है, जबकि सबसे पहले यहां जो जो भी पद खाली है उनकी सूची को सार्वजनिक करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है वही बहुत से जूनियर शिक्षकों को वरिष्ठता का लाभ दिया जा रहा है तो वही बहुत से शिक्षकों के नाम भी विषय सूची से गायब है जो की गलत है ऐसा नहीं होना चाहिए और इस काउंसलिंग में बहुत सारी अव्यवस्थाएं हैं और हर बार जब भी काउंसलिंग की जाती है उसमें व्यवस्थाओं पर ध्यान विभाग द्वारा नहीं रखा जाता जबकि, कुछ शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें जो शिक्षक प्रति नियुक्ति पर कार्य कर रहे हैं उन शिक्षकों को इस काउंसलिंग से बाहर कर दिया जा रहा है जो कि गलत है जबकि भले ही इन्हें विभाग द्वारा प्रति नियुक्ति देकर अतिरिक्त कार्य दिया गया है, किंतु यह शिक्षक भी वर्ग दो से वर्ग एक में चल रही काउंसलिंग का हिस्सा है और उन्हें भी इसका लाभ दिया जाना चाहिए,
काउंसलिंग में अलग-अलग विसंगतियां उत्पन्न हो रही है – स्नेह लता
सालेटेका स्कूल से पहुंची शिक्षिका स्नेह लता नागदेवे द्वारा बताया गया कि इसके पहले जो काउंसलिंग की गई थी उस काउंसलिंग में उनके स्कूल में पद रिक्त नही दिख रहा था और वही दूसरी ओर उन्हें यह भी बोला जा रहा था कि वह सीएम राइज स्कूल में नहीं जा सकते और इस समय अभी उन्हें लालबर्रा स्थित सीएम राइज स्कूल भेजा जा रहा है और अब उन्हें पुनः फिर एक बार परीक्षा देनी पड़ेगी, यदि अभी जिस स्कूल में वह पदस्थ है वहाँ पर यदि पहले स्थान खाली दिखा दिया जाता तो, वह अन्य स्कूलों में जाने के लिए बाध्य नहीं होती इस प्रकार से हो रही काउंसलिंग में अलग-अलग विसंगतियां उत्पन्न हो रही है जो सही नहीं है
स्कूल शिक्षा विभाग के ऐसे कोई आदेश नही है – भूपेंद्र चौधरी
माध्यमिक शिक्षक भूपेंद्र चौधरी द्वारा बताया गया कि वह अभी वर्तमान में बीएससी के पद पर पदस्थ हैं और उन्हें काउंसलिंग में बुलाया गया था और वह जैसे ही काउंसलिंग में पहुंचे और उन्हें डायरेक्टर द्वारा बुलाया गया और वह गए तो उन्हें डायरेक्टर द्वारा सीधे-सीधे मना कर दिया गया और कहा गया कि वह प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर रहे हैं इसलिए वह यह काउंसलिंग में अपात्र घोषित कर दिए गए जो कि गलत है जबकि इसके पहले भी जो काउंसलिंग हुई थी उसमें प्रति नियुक्ति पर कार्य करने वाले शिक्षकों को भी उच्च पद पर प्रभार दिया गया है पर इस बार काउंसलिंग में ऐसा नहीं किया जा रहा है जबकि यह आदेश ऊपर से नहीं दिए गए हैं यहां स्वयं ही काउंसलिंग में अधिकारियों द्वारा अपने इच्छा अनुसार ही अपात्र घोषित कर दिया जा रहा हैं, वह गलत है वहीं कुछ शिक्षकों ने यह भी बताया कि जो इस प्रकार से कुछ शिक्षकों को अपात्र किया जा रहा हैं वह गलत है क्योंकि स्कूल शिक्षा विभाग के ऐसे कोई आदेश या दिशा निर्देश नहीं है जो की किसी प्रतिनियुक्ति पर कार्य करने वाले शिक्षक को उच्च पदों पर पदभार ना दिया जाए
काउंसलिंग स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश अनुसार ऑनलाइन की जा रही है – अश्वनी कुमार उपाध्याय
जब हमारे द्वारा इन सब अव्यवस्थाओं और शिक्षकों द्वारा काउंसलिंग पर सवाल खड़े किए जाने वाले विषयों को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी अश्वनी कुमार उपाध्याय से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि जो काउंसलिंग की जा रही है वह स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश अनुसार ऑनलाइन की जा रही है और इसमें सभी नियमों का पालन करते हुए यह काउंसलिंग की जा रही है और यदि किसी शिक्षक या शिक्षिका को कोई प्रकिर्या गलत लग रही है तो वह अभ्यावेदन पूरे प्रमाण के साथ पेश कर सकता है या ऑनलाइन भी स्कूल शिक्षा विभाग को दे सकता है