मध्य प्रदेश की ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे कथावाचक को गिरफ्तार किया है, जो धर्म का चोला ओढ़कर गलत काम करता था। गिरफ्तारी के बाद आचार्य पुष्पेंद्र दीक्षित के बारे में कई खुलासे हो रहे हैं। उसने धर्म की आड़ में जालसाजी के तमाम काम किए हैं। हाल ही में उसकी एक चूक से उसके कर्मों का पर्दाफाश हो गया है। इसके बाद कई खुलासे हुए हैं। उसने धर्म की आड़ और अपने आवरण की वजह से कई राज्यों के सीएम को झांसे में ले रखा था। एमपी के एक पूर्व सीएम के घर में तो उसने हवन और पूजा कराई थी। आइए आपको बताते हैं कि जालसाज आचार्य पुष्पेंद्र दीक्षित ने कैसे ये सब किया है।
ताऊ को देख बना 10 वीं पास कथा वाचक
क्राइम ब्रांच की टीम ने डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना पर दबाव बनाने वाले कथावाचक पुष्पेंद्र दीक्षित को गिरफ्तार कर लिया है। जब पुलिस ने आरोपी से पूछताछ शुरू की तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पूछताछ में पुष्पेंद्र से पता चला कि वह केवल दसवीं पास है लेकिन उसके व्यक्तित्व और वेशभूषा से इस बात का अंदाजा लगाना भी कठिन है। ऊपर से वृंदावन जाकर वह धारा प्रवाह संस्कृत बोलने की शिक्षा ली। संस्कृत की वजह से ही वह फर्श से अर्श तक पहुंचा है।
गांव में गैंबलर के नाम से बुलाते
वहीं, एक छोटी सी गलती ने पुष्पेंद्र दीक्षित को अर्श से फर्श पर ला दिया है। पता चला है कि उसके गांव में सभी उसे ‘गैंबलर’ के नाम से बुलाते हैं। आचार्य पुष्पेंद्र दीक्षित के चाचा भी एक कथावाचक थे। गांव में उनकी काफी इज्जत है। लोग उनकी आवभगत में लगे रहते हैं। इसी बात से प्रभावित होकर उसने मथुरा वृंदावन जाकर उसने संस्कृत की शिक्षा ली। इसके बाद कथावाचक और आचार्य बन गया।