देश की जीडीपी को लेकर अच्छी खबर है। एसबीआई की शोध रिपोर्ट में इसमें आगामी समय में इजाफे की संभावना जताई गई है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ऊंची वृद्धि दर की वजह पिछले साल का निचला आधार प्रभाव है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारे नाउकास्टिंग माडल के अनुसार पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 18.5 प्रतिशत (ऊपर की ओर झुकाव के साथ) रहने का अनुमान है। एसबीआइ की रिसर्च टीम का यह अनुमान रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआइ) के अनुमान से कम है। आरबीआइ ने अप्रैल-जून 2021 तिमाही के लिए 21.4 फीसद के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। चालू वित्त वर्ष (2021-22) की पहली तिमाही के दौरान देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की 18.5 फीसद की दर से बढ़ सकती है। एसबीआइ की इकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है। हालांकि यह वृद्धि अभी भी बेहतर नहीं कही जा सकती है, क्योंकि वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर शून्य से भी नीचे चली गई थी। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि पहली तिमाही में ग्रास वैल्यू एडेड (जीवीए) 15 फीसद रहेगा। इकोरैप में कहा गया है कि पहली तिमाही में 4,069 कंपनियों के कॉरपोरेट जीवीए में 28.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, यह 2020-21 की चौथी तिमाही की वृद्धि से कम है।