माता-पिता काे खाेने वाले नाैनिहालाें काे मदद से ज्यादा प्यार चाहिए

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एक साल की मिनी व मोनी और आठ साल का भाई टोनी ने पहले मां को सड़क हादसे में खो दिया। अब पिता कोरोना के कारण दुनिया में नहीं रहे। टोनी सब समझता है, उसकी उदासी और आंखों में माता-पिता के लौटने की उम्मीद साफ दिखती है। हर वो लम्हा जिसमें माता और पिता साथ रहते थे, याद कर उसकी आंखें भर आती हैं। इसी तरह नौजवान अर्जुन और चार छोटी बहनें, सबको माता-पिता की कमी खलती है। बीना की भी दो बहनें हैं, माता-पिता की कमी तो बीना नहीं दूर कर सकती, बस मन से मजबूत करने की कोशिश करती है। खबर में दिए गए बच्चों व पालकों के सभी नाम परिवर्तित हैं, लेकिन इनकी कहानी सच्ची है। टाेनी, अर्जुन हों या बीना कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले इन बच्चों-नौजवानों को मदद से ज्यादा प्यार चाहिए। मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना में ग्वालियर के 40 बच्चों के केस शामिल किए गए हैं, जिसमें उम्र सीमा 21 साल तक है। अभी पहली किश्त पांच हजार ही इन तक पहुंची है, अब दूसरी-तीसरी किश्त एक साथ मिलेगी।

किस हाल में और कैसे अपने उठा रहे जिम्माः

केसः 1- आठ साल का टोनी और उसकी एक-एक साल की दो छोटी बहनें मिनी और मोनी हैं। तीनों ने कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो दिया। घर में अब दादी ही बच्चों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। दादी ने बताया- टोनी आठ साल का है और सब समझता है, माता-पिता को याद करता है। यही कारण है कि उसे कभी भतीजी के यहां तो कभी तीनों बच्चों को बुआ के यहां कुछ दिन के लिए भेज देते हैं। थोड़ा माहौल बदलेगा तो अच्छा लगेगा। पहली किश्त पांच हजार रुपये तो मिल गई, पर राशन-शिक्षा अभी नहीं मिला है।

केसः 2- माता-पिता की कोरोना काल में बीमारी के कारण मौत होने के बाद से 23 साल का अर्जुन चार छोटी बहनों का जिम्मा संभाल रहा है। परिवार के लोग भी मदद करते हैं। अर्जुन ने बताया मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना के तहत लाभ मिला है। विभाग से दूसरी किश्त जल्द दिए जाने का भरोसा मिला है। अब यही कोशिश है कि माता-पिता न होने के कारण बहनों को कोई कमी न हो और वे पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हों।

केसः 3- बीना और उसकी दो बहनें (एक 24 साल और दूसरी 19 साल), इनमें से सबसे छोटी बहन को बाल कल्याण योजना में स्वीकृत कराया गया है। बीना ने बताया कि उनकी हाल ही में शादी हुई है और रिश्तेदार मदद करते हैं। दोनों बहनें पढ़ाई कर रहीं हैं। अभी योजना के तहत एक भी किश्त छोटी बहन को नहीं मिली है। बीना ने बताया कि पिता की पहले और कोरोना काल में मां नहीं रहीं थीं, मां शिक्षक थीं।

वर्जन-

कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया है, ग्वालियर में ऐसे 40 केस हैं। इन्हें मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है। 27 केस में पहली किश्त जारी की जा चुकी है और शेष को जल्द कर दी जाएगी। वहीं बच्चों की स्थिति जानने और उन्हें लाभ मिल रहा है या नहीं, इसको लेकर 25 जुलाई तक महिला एवं बाल विकास के अधिकारी जांच करेंगे। राशन और शिक्षा के लिए अगले माह से व्यवस्था करा दी जाएगी।

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