बिजली चोरी रोकने और बिल राशि वसूलने के लिए बिजली कंपनियां स्थानीय युवकों का सहारा लेंगी। उन्हें विद्युत प्रहरी बनाकर मैदान में उतारा जाएगा। वे कटिया डालकर या अन्य तरह से होने वाली बिजली चोरी तो रोकेंगे ही, पुराने बिलों की बकाया राशि भी वसूलेंगे। सरकार प्रयोग के तौर पर भिंड, मुरैना, आगर, शाजापुर, छतरपुर और टीकमगढ़ जिलों में ‘विद्युत प्रहरी” योजना उन फीडर या वितरण ट्रांसफार्मरों के समूह में लागू कर रही है, जहां 60 फीसद तक नुकसान होता है। एक साल में योजना के परिणाम देखने के बाद कंपनियों की जरूरत के मुताबिक योजना का विस्तार होगा। योजना का प्रस्ताव मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने दिया था, जिसे मंजूरी दे दी गई है। बिजली चोरी के लिए प्रदेश में कुछ क्षेत्र कुख्यात हैं। उन इलाकों के उपभोक्ता बिल राशि भी जमा नहीं करते। बिजली कंपनियों ने सामाजिक पृष्ठभूमि और कानून व्यवस्था की दृष्टि से इन क्षेत्रों में चोरी रोकने एवं बिल राशि वसूलने के लिए अतिरिक्त प्रयास की जरूरत बताई है।
ऐसे क्षेत्रों में समुदाय के व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए विद्युत प्रहरी नियुक्त किए जा रहे हैं। ये स्थानीय होंगे, इसलिए सामुदायिक दबाव बनाकर, सजगता से नुकसान कम होगा। इससे कंपनियों को होने वाली बचत का कुछ हिस्सा प्रहरियों को अपनी संस्था के माध्यम से दिया जाएगा। चिह्नित फीडर या डीटीआर समूह पर संस्थाओं को बचत की 40 फीसद तक राशि मिलेगी। हालांकि योजना के तहत अनुबंध करने वाले प्रहरी को कंपनी के किसी भी स्थाई, अस्थाई, संविदा या अन्य पदों का लाभ, अधिकार या छूट नहीं मिलेगी।
स्व-सहायता समूह से भी हो सकते हैं प्रहरी : विद्युत प्रहरी बनने के लिए न सिर्फ एक व्यक्ति आवेदन कर सकता है, बल्कि व्यक्तियों का समूह व स्व-सहायता समूहों के सदस्य भी आवेदन कर सकते हैं। शर्त यह है कि वे उसी जिले के निवासी होना चाहिए। प्रहरी उपलब्ध कराने वाली संस्था का चयन पारदर्शी लाटरी के माध्यम से किया जाएगा। प्रहरी कटिया डालकर बिजली चोरी करने, अवैध कनेक्शन, मीटर में टैंपरिंग को रोकेंगे, वहीं पुराने बकाया बिल राशि की वसूली करेंगे। यह राशि वे पीओएस मशीन, निष्ठा एप से लेकर पावती देंगे।
सब स्टेशन सूखा में 500 एमवीए का नया ट्रांसफार्मर लगा : मध्य प्रदेश पावर ग्रिड ऑफ इंडिया ने जबलपुर के सूखा सब स्टेशन में 500 एमवीए क्षमता का नया ट्रांसफार्मर लगा दिया है। इसका लाभ महाकोशल की जनता को मिलेगा। मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी के 220 केवी सब स्टेशन सूखा में 220 केवी इनकमिंग नंबर-तीन से बिजली लेना शुरू कर दी है। पावर ग्रिड के 400 एवं 220 केवी सब स्टेशन में वर्तमान में 315-315 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर हैं। नए ट्रांसफार्मर से आगामी रबी सीजन में सिंचाई के लिए महाकौशल क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध होगी।
प्रदेश को मिलेगा 7206 लाख का अनुदान
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर नई दिल्ली में केंद्रीय विद्युत, नव एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह से मिले और उन्हें प्रदेश की ऊर्जा संबंधी विभिन्न् समस्याएं बताईं। तोमर ने प्रदेश को भारत सरकार से मिलने वाला अनुदान 7206 लाख रुपये देने का अनुरोध किया। इस पर केंद्रीय मंत्री ने अनुदान देने का भरोसा दिलाया। ये अनुदान लंबित था। तोमर ने केंद्रीय मंत्री से 3862 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी के लिए ऋ ण प्रस्ताव अनुमोदित करने का अनुरोध किया। मंजूरी मिलने पर आरइसी से पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 562 करोड़, मध्य क्षेत्र कंपनी को 1200 करोड़ और पश्चिम क्षेत्र कंपनी को 2100 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।