रमरमा मामले में वनविभाग ने अधिकारियों पर की कार्यवाही

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बीते दिनों वारासिवनी के रमरमा में घटित हुए मामले में 23 अप्रैल को दक्षिण सामान्य वन मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा मामले में संलिप्त एक डिप्टी रेंजर और तीन वनरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस दौरान उन्हें निलंबन अवधि के लिये लांजी वन विभाग में संलग्न कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वारासिवनी वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत रमरमा के महादेव मंदिर परिसर में रविवार की दरयामी रात वारासिवनी वन विभाग में पदस्थ डिप्टी रेंजर राजेंद्र बिसेन, सावंगी बीटगार्ड रविंद्र लड़कर, नैतरा बीटगार्ड राजा मडावी, रमरमा बीटगार्ड अशोक परते ने रात्रि लगभग 10:30 बजे मंदिर परिसर पहुँचकर टेबल,कुर्सी,और व्यापार कर रहें दुकानों के पंडालो में जमकर तोड़फोड़ कर वहाँ लगे झंडो पर आग लगा दी गयी थी। इसके बाद ग्रामीण काफी आक्रोशित हो गए और वन विभाग का जमकर विरोध करने लगे यह घटना घटित होने के बाद इसकी जानकारी लगते ही कटंगी और वारासिवनी विधायक दोनों मौके पर पहुंचे जिन्होंने आक्रोशित ग्रामीणों को शांत करते हुए संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर मौके पर हिदायत दी गई वही वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों से चर्चा कर घटना की विस्तृत जानकारी लेकर मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर अगले दिन मौका निरीक्षण कर प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों के बयान दर्ज कर मामले में प्रकरण तैयार कर वरिष्ठ अधिकारी को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दिया गया था जिसमें मंगलवार को डीएफओं मीना मिश्रा ने डिप्टी रेंजर सहित वनरक्षकों को निलंबित कर उन्हे लांजी अटैच कर दिया है।

रेंजर छत्रपाल सिंह जादौन ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि घटना की रात्रि मे जानकारी मिलने के बाद तत्काल घटना स्थल पर पहूचकर घटना के सबंध मे जानकारी ली गई। सोमवार को एसडीओ कंटगी के साथ घटना स्थल पर पहूचकर निरिक्षण किया गया स्थानीय जनप्रतिनिधी एवं समिति के सदस्यों को बुलाकर प्राथमिक जॉच रिर्पोट तैयार कर सबंधित अधिकारी को सौंपा गया था। जिसके आधार पर डीएफओं स्तर से डिप्टी रेंजर व वनरक्षकों को निलंबित कर उन्हे लांजी अटैच कर दिया गया है। मामले में जांच समिति के द्वारा जांच की जा रही है।

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