आधा दर्जन से अधिक ग्राम के ग्रामीण सड़क से परेशान

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वारासिवनी से कोस्ते, महाराजपुर, डोंगरगॉव, लिंगमारा, बिटोड़ी, दीनी, पुनी  व डोंगरमाली का सफर अब असहनीय हो गया है। मार्ग पर भले ही विभाग ने गिट्टी बिछाई हो लेकिन उसका डामरीकरण नही किया है। आज ११ दिसंबर से क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला लिंगमारा का प्रारंभ हो चुका है। मगर पीडब्ल्यूडी विभाग ने मार्ग के मरम्मती कार्य पर किसी प्रकार का ध्यान नही दिया जबकि इस मेले में महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ के अलावा जिले के कौने कौने से लोग आते है। लेकिन मार्ग की जर्जर अवस्था को देखकर अपना सफर काफी दुविधा में तय कर रहे है।

जगह जगह हुये बड़े बड़े गड्डे- मानसिंह

इस संबंध में दिनी निवासी मानसिंह सिंह भगत ने बताया की यह मार्ग बीते २ से ३ वर्ष ही पूर्व बना है मगर मार्ग की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है की कई जगह बड़े बड़े गड्डे हो गये है। जिससे लगातार दुर्घटनाऐं हो रही है। मगर पीडब्लयूडी विभाग न तो इसका निर्माण करवा रहा है और ना ही इसका मरम्मती कार्य। बड़ी मुश्किल से यह सड़क का निर्माण वर्ष २०१८-१९ में हुआ था। तब से ही इसका मार्ग का किसी प्रकार से मेंटेनेंस नही हुआ है।

पीडब्ल्युडी विभाग की घोर लापरवाही – शिव

इसी तरह डोंगरगॉव निवासी शिव भरोसे राहंगडाले ने पद्मेश को बताया की यह मार्ग कहां जाये तो अंर्तराज्जीय मार्ग है जो सीधे महाराष्ट्र को जोड़ता है। मगर पीडब्ल्यूडी विभाग की अनदेखी की वजह से यह मार्ग अब दोयम दर्जे का हो गया है जिस पर आवागमन करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। श्री राहंगडाले ने बताया की इस संबंध में इस मार्ग पर पडऩे वाली ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी विभाग को अवगत कराया है मगर विभाग का ध्यान मार्ग के सुधारीकरण के तरफ नही है।

मार्ग के उड़ चुके है परखच्चे

यहां यह बताना लाजमी है की मार्ग अतिवृष्टि बारिश की वजह से मार्ग के परखच्चे उड़ गये है। जिसके बाद विभाग ने मार्ग पर गिट्टी डाली गई है। जबकि विभाग के आला अधिकारियों ने यह बात कहीं थी की जिस जगह गिट्टी डाली गई है उन हिस्सों में डामरीकरण किया जायेगा मगर आज तक यह कार्य नही हुआ। यह विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है।

अगले महिने शुरू हो जायेगा मार्ग को पुन: निर्माण – एसडीओं

इस मामले में पीडब्ल्यूडी कार्यलय के एसडीओं वाय पी सनोडिय़ा से चर्चा की तो उन्होने कहां की वे कैमरे के सामने कुछ नही कहेंगे। हमारे द्वारा वारासिवनी से मेंड़की तक जो जर्जर अवस्था में है उसके निर्माण का स्टीमेट अपने विभागीय अधिकारियों को भेज दिया गया है। जिन्होने उसे भोपाल भेज दिया है जहां से इस माह या नववर्ष तक यह मार्ग स्वीकृत हो जायेगा। हमारा प्रयास है की पहले १० किलोमीटर व उसके बाद का मार्ग भी स्वीकृत हो जाये। फिलहाल विभाग के आला अधिकारियों ने जैसे कहां है वैसे हमने किया है।

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