जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत कासपुर बस्ती से मंगेझरी मार्ग दलदल में तब्दील हो गया है। जिसके कारण राहगीर व ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां पर पैदल चलना दुर्बर हो गया है जिनके द्वारा उक्त मार्ग की मरम्मत करे जाने के लिए पंचायत से मांग की जा रही है। जिस पर पंचायत के द्वारा वर्तमान तक किसी प्रकार से कोई कार्य नहीं किया गया है ऐसे में लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं। ज्ञात हो कि यह मार्ग बस्ती से ग्राम कासपुर के आखर टोला और नहर को पार कर मंगेझरी निकलता है जहां पर वाहनों की आवाजाही से गड्ढे हो गए थे और मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। जिस पर बरसात की दिक्कत को देखते हुए सरपंच फकीरचंद देशमुख के द्वारा मुरम डाली गई थी जो बारिश में भीगने और वाहनों के आवागमन से कीचड़ या दलदल का निर्माण हो गया है। वहाँ से लोग बमुश्किल ही आवागमन कर पा रहे हैं करीब बीते तीन से चार दिवस से आवागमन बंद पड़ा हुआ है जिस पर ग्रामीण एवं राहगीरों के द्वारा मार्ग के सुधार करने की बात कही जा रही है।
स्कूल नहीं जा पाता है विद्यार्थी
यहां यह बताना लाजमी है कि कासपुर बस्ती से आखर टोला मार्ग एक समीप का मार्ग है जहां से विभिन्न स्कूलों के वाहन आखर टोला और मंगेझरी के कालागोटा जयराम टोला बच्चों को लेने के लिए जाते हैं परंतु भयानक स्थिति का कीचड़ होने के कारण उक्त वाहन कासपुर बस्ती के आगे तीन से चार दिवस से नहीं जा पा रहे हैं जिसके कारण विद्यार्थियों को भी घर में रहना पड़ रहा है। तो वही साइकिल से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को नहर से लंबी दूरी का मार्ग तय कर स्कूल आना जाना पड़ रहा है आंगनबाड़ी के बच्चों को कार्यकर्ता और सहायिका के द्वारा हाथ पकड़ कर ले जाया जा रहा है ऐसे में ग्रामीणों को लंबी दूरी तय कर वारासिवनी के लिए आना हो पड़ रहा है एवं उक्त मार्ग से ग्रामीणों का आवागमन अभी पूरी तरह बाधित है।
ग्रामीण सुनील मडावी ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि वह कालागोटा रहते हैं यह मार्ग पर स्कूल के बच्चों के आने जाने की समस्या है मुरम डाले हैं तो यह स्थिति बनी है जिससे स्कूल वैन भी आगे नहीं जा रही है स्कूल के बच्चे घर पर रह रहे हैं। इन्हें पहले मुरम डालना था अभी बरसात का समय है जिसमें दिक्कत बन गई है। श्री मडावी ने बताया कि बस्ती से आखर टोला तक मुरम डाला है और यही तक दिक्कत है जहां पर बरसात भर दलदल रहेगा। जिसकी मरम्मत करना था पहले बेलन चलाना था जिससे हमें सुविधा होती यह सड़क का सुधार कार्य होना चाहिए।
छन्नूलाल पटले ने बताया कि वह लालबर्रा रहते हैं अपने रिश्तेदार के यहां आखर टोला जा रहा था मुरम के कीचड़ में बच्चों की स्कूल गाड़ी फस रही है और दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है। सरपंच का यहां पर पहले मार्गदर्शन होना था इन्हें तत्काल रेत डालकर व्यवस्था करनी चाहिए हमारी गाड़ी स्लीप हो गई दोनों चकों के मटघाट में कीचड़ भर गया है ऐसे में धक्का देकर बाहर निकले हैं। अब आगे कहीं पानी ढूंढ कर साफ करेंगे तब कहीं गाड़ी आगे जायेगी।
छात्र रुद्र मानेश्वर ने बताया कि वह आखरटोला पर रहते हैं और यहीं से आना-जाना करते हैं रोड की बहुत समस्या है अभी आना जाना नहीं कर सकते इसलिए आसपास से कहीं भी मार्ग ढूंढ कर स्कूल के लिए गए थे और अब वापस अपने घर जाएंगे। सुबह स्कूल वैन नहीं आई क्योंकि वह इस रोड पर नहीं जा सकती रोड बनना चाहिए अभी सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल दोनों के बच्चे नहर की तरफ से घूम कर जाते हैं जिसमें उन्हें परेशानी हो रही है।
ग्राम पटेल ईश्वर दयाल हनवत ने बताया कि यह रोड 5 से 6 ग्राम से जुड़ी हुई है मेंडकी, मंगेझरी, केरा, भांडी, पिपरिया, दीनी इधर के लोग यहीं से आना-जाना करते हैं। यहां पर मुरम बिछाए है तो दलदल बन गया है स्कूल और आंगनबाड़ी के बच्चों को बहुत ज्यादा समस्या है और खतरा भी बना हुआ है। मेरे घर के सामने से आखर टोला के महेतलाल बिसेन के घर तक करीब 700 मीटर यही स्थिति है। श्री हनवत ने बताया कि इन्होंने गर्मी में मुरम नहीं डालें और डाले भी तो यह छुई वाला मुरम है घर से हम साइकिल और मोटरसाइकिल नहीं निकाल पा रहे हैं। बच्चे लगातार मार्ग में गिर रहे कपड़े खराब हो रहे हैं जिसका सुधार होना चाहिए जिसके लिए हमने सरपंच सचिव और जनपद सदस्य को शिकायत की तो उन्होंने मौसम सूखने तक रुकने कहा है।
ग्राम सरपंच फकीरचंद देशमुख ने बताया कि यह रोड की राशि नहीं आई है ऐसे में आवागमन की परेशानी होती है जिसके लिए हमने सुदूर रोड की कार्यवाही कर स्वीकृति के लिए जिला पंचायत को भेज दिया है। परंतु इस समस्या को देखते हुए मेरे एवं जनपद सदस्य लालू हनवत के द्वारा स्वयं के व्यय पर यहां पर मुरम डाला गया है। श्री देशमुख ने बताया कि मुरम डालने के बाद ट्रैक्टर जेसीबी समय पर नहीं मिली और जब मिले तो काम शुरू करे ही थे कि पानी आ गया जिसके कारण कीचड़ हुआ है। अभी हमारे द्वारा उस मार्ग की मुरम को साइड से जेसीबी से हटा दिया जाएगा और धूप निकलने पर रोड रोलर चलाकर रोड बनाई जाएगी। जैसे ही ग्रेवल रोड की स्वीकृति मिलती है तो तत्काल रोड का निर्माण सूखे समय में करवाया जाएगा।