ब्रिटिश सेना के एक कैप्टन को पिज्जा खाना भारी पड़ा है। कैप्टन पर आरोप है कि उन्होंने रूसी सीमा के पास कर्फ्यू तोड़कर 24 मिनट देरी से कैंप में पहुंचे। इस लेकर कैप्टन के वरिष्ठों ने पिज्जा लेने के लिए कर्फ्यू तोड़ने और 24 मिनट की देरी से कैंप में लौटने के लिए उन्हें फटकार लगाई। कैंप के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल रूपर्ट स्ट्रीटफील्ड ने मार्च में युद्ध की शुरुआत में देर रात सैनिकों की हरकतों से नाराज होने के बाद रात 9 बजे से सख्त कर्फ्यू लागू कर दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार विचाराधीन कैप्टन जेम्स शियरर ने अदालत को बताया कि उन्हें कर्फ्यू का समय की जानकारी नहीं थी। जो मई में रात 10:30 बजे से रात 9 बजे में बदल गया था। क्योंकि वह उस सप्ताह एक बख्तरबंद वाहन पर मौजूद थे। 31 वर्षीय स्कॉटिश खुफिया अधिकारी पर लेफ्टिनेंट कर्नल स्ट्रीटफील्ड द्वारा संक्षिप्त सुनवाई में आरोप लगाए जाने के बाद उन पर तीन दिन के वेतन की कटौती का जुर्माना लगाया गया है।
हालांकि 1 बटालियन द रॉयल वेल्स के कैप्टन शियरर ने इस निर्णय को लेकर अपील की। विल्टशायर के बुलफोर्ड मिलिट्री कोर्ट में एक दिन की संक्षिप्त सुनवाई हुई। जज और बोर्ड के सदस्यों ने कमांडिंग ऑफिसर के फैसले को बरकरार रखने के लिए 20 मिनट का समय लिया। कैप्टन शियरर ने अदालत से कहा कि वह जुर्माना नहीं देना चाहते हैं। साल की शुरुआत में, कैप्टन शियरर की रॉयल वेल्स बटालियन ने एस्टोनिया में नाटो संवर्धित फॉरवर्ड प्रेजेंस बैटलग्रुप की प्रमुख इकाई के रूप में पदभार संभाला। इस ऑपरेशन का उद्देश्य यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की स्थिति में यूरोपीय सुरक्षा को मजबूत करना है।