बाघ मप्र का सम्मान है, तभी तो देशभर में मप्र टाइगर स्टेट कहलाता है। हमारे सम्मान की मौत वाहनों के पहियों में कूचलकर न हो इसके लिए औबेदुल्लागंज (भोपाल)-बैतूल फोरलेन पर डेढ़ किमी लंबा फ्लाईओवर बनाया जाएगा। यह अलग-अलग हिस्सों में बरखेड़ा से बुदनी के बीच रातपानी वन्यजीव अभयारण्य के जंगल में बनेगा। यहां बाघ और तेंदुए की अच्छी खासी संख्या है। जब फोरलेन बन जाएगा तो वाहनों का दबाव बढ़ेगा। इस तरह अभयारण्य क्षेत्र में बाघ, तेंदुए के वाहनों की चपेट में आने की संभावना है। ऐसा इस अभयारण्य से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक पर हर दूसरे-तीसरे महीने में हो रहा है। जब बरखेड़ा से बुदनी के बीच रेलवे ट्रैक पार करते समय बाघ, तेंदुए ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवाते हैं। नवंबर 2020 से जनवरी 2021 तक दो तेंदुएं और बीते पांच साल में चार बाघों की मौत हो चुकी है। इस बात से सबक लेते हुए वन विभाग और मप्र वन्यप्राणी विभाग ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को फोरलेन पर फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव दिया है। जिस पर दो दौर की चर्चा हो चुकी है, अंतिम सहमति बननी बाकी है।ता दें कि भोपाल नागपुर के बीच फोरलेन बन रहा है। बैतूल से नागपुर के बीच पहले ही काम पूरा हो चुका है। बैतूल से भोपाल के बीच काम चल रहा है। इसी बीच में रातापानी वन्यजीव अभयारण्य पड़ता है। प्रस्तावित फोरलेन का 30 किलोमीटर हिस्सा संरक्षित जंगल से होकर गुजरेगा। इस हिस्से में फोरलेन निर्माण मप्र वाइल्ड लाइफ बोर्ड से अनुमति नहीं मिलने की वजह से चालू नहीं हुआ था। अब संरक्षित क्षेत्र में फ्लाईओवर वाले प्रस्ताव पर लगभग सहमति बन चुकी है। जल्द ही काम चालू होने की संभावना है। तेजी से काम हुआ तो संरक्षित क्षेत्र में फोरलेन 203 तक पूरा बनकर तैयार हो जाएगा।