बालाघाट की ओर बढ़ रहे 12 हाथी

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छत्तीसगढ़ राज्य से मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले के रास्ते कान्हा राष्ट्रीय पार्क के पेंन सेंचुरी में लगभग एक दर्जन हाथियों का एक दल 1 दिन पहले मूवमेंट करते देखा गया। जानकारों के अनुसार हाथी इसी तरह दक्षिण के रास्ते आगे बढ़ते रहे तो जल्द ही बालाघाट जिले की सीमा के भीतर प्रवेश कर जाएंगे।

मोबाइल पर चर्चा के दौरान कान्हा राष्ट्रीय पार्क के फील्ड डायरेक्टर एस के सिंह ने बताया कि हाथियों पर कान्हा राष्ट्रीय पार्क की टीम लगातार नजर बनाए हुए हैं। उनके मोमेंट और उनकी एक्टिविटीज दोनों ही देखी जा रही है हाथियों की इस दल में छोटे और बड़े हाथी दोनों ही शामिल है।

अनुमान ही लगाया जा रहा है जिस तरह से हाथी रोजाना मोमेंट कर रहे हैं तो वे बालाघाट जिले की सीमा में भी आ सकते है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि छत्तीसगढ़ से 2 साल पहले दो हाथी रास्ता भटक कर बिरसा तहसील कि रास्ते जिले के भीतर प्रवेश कर गए थे।

इस दौरान उनका मोमोंट बिरसा, बैहर, होते हुए लामता तहसील होते हुए पड़ोसी जिले सिवनी के रास्ते मण्डला जिले तक रहा था। उसके बाद यह पुनः उसी रास्ते वापस होकर कान्हा राष्ट्रीय पार्क पहुंच गए थे।

हालांकि पिछले बार दो हाथी थे लेकिन इस बार हाथियों की संख्या पूरी की पूरी एक दर्जन बताई जा रही है जिसमें छोटे बच्चे भी शामिल होने की जानकारी मिल रही है।

जानकारों के अनुसार जब भी कोई वन्य प्राणी अपने बच्चों के साथ होता है तो वह बहुत अधिक सुरक्षित स्थान पर रहने की कोशिश करता है। मनुष्य द्वारा जब भी उसे कोई खतरा पहुंचा जाता है तो वे जल्दी आवेश में आ जाते है।

ऐसे में बालाघाट वन विभाग के साथ ही जिलेवासियों को इन हाथियों से बहुत अधिक अलर्ट रहना होगा। जिससे हाथी यदि जिले के भीतर फसलों या रिहायशी क्षेत्र के करीब पहुंचे भी है तो बहुत अधिक नुकसान ना पहुंचाएं।

बालाघाट उत्तर सामान्य वन मंडल के उप वन मंडल अधिकारी श्री साकरे बताते हैं कि हाथियों का दल कान्हा राष्ट्रीय पार्क में लगातार मोमेंट कर रहा है। इस विषय में जानकारी मिल गई है। हाथियों के मोमेंट पर नजर रखने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में मैदानी अमले के साथ नजर रखी जा रही है।

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