बीते रोज 18 मरीज मिले, आज जांच ही नहीं की

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 एक दिन पहले जिले में डेंगू के 18 मरीज मिलने से दहशत बढ़ी तो अफसर व अमले ने रविवार अवकाश मनाते हुए डेंगू की जांच ही नहीं की। डाक्टरों के अनुसार डेंगू मरीज में प्लेटलेट्स तेजी से गिरते हैं। ऐसे में यदि समय पर डेंगू की जांच न हो तो मरीज के लिए जानलेवा तक हो सकता है। इधर सरकारी मशीनरी का सिस्टम बिगड़ा हुआ है। इस कारण मरीज व स्वजन सरकारी से ज्यादा निजी अस्पतालों पर भरोसा जता रहे हैं। जिले में अभी तक कुल 66 मरीज मिले हैं, जबकि जीआर मेडिकल कालेज से आई जांच रिपोर्ट में करीब 80 डेंगू संक्रमित हैं। इनमें से महज 20 मरीज ही सरकारी अस्पताल में इलाज लेने पहुंचे हैं। करीब 60 मरीज निजी अस्पतालों में इलाज ले रहे हैं। इनमें 50 मरीज ग्वालियर के हैं।

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तेजी से घट रहे प्लेटलेट्स: जो लोग डेंगू संक्रमित मिले हैं उनमें से 60 फीसद मरीजों में प्लेटलेट्स घटने की शिकायत है। इसके कारण मरीज को प्लेटलेट्स चढ़वानी पड़ी। ब्लड सैपरेशन मशीन की मदद से ब्लड से प्लेटलेट्स निकालनी होती। इसमें करीब दस हजार रुपये खर्च आता है। निजी अस्पताल में भर्ती होने वाले 80 फीसद मरीजों पर प्लेटलेट्स चढ़ाई गई।

प्लेटलेट्स बढ़ाने यह तरीके अपनाए: मरीजों को बकरी का दूध, पपीता का रस, कीबी खिलाई। इनकी मदद से शरीर में तेजी से प्लेटलेट्स बढ़ते हैं। साथ ही मरीज के अटेंडेंट एलोपैथी के साथ में होम्योपैथी पद्घति का उपयोग प्लेटलेट्स बढ़ाने में कर रहे हैं।

क्या कहते हैं लोग

मेरा नौ साल का बेटा निजी अस्पताल में छह दिन भर्ती रहा। इलाज में 80 हजार रुपये खर्च किए, पर सरकारी अस्पताल में भर्ती कर रिस्क नहीं उठा सकती थी। सरकारी अस्पताल में न तो डाक्टर अटेंडेंट की सुनते हैं न स्टाफ।

कुसुम श्रीवास्तव मरीज की मां

मेरा 30 साल का बेटा डेंगू से ग्रस्त हुआ तो उसकी 13 हजार प्लेटलेट्स रह गई थीं। निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है प्लेटलेट्स चढ़वानी पड़ी। तीन दिन में करीब 35 हजार का खर्च आ चुका है। सरकारी अस्पताल में साफ सफाई ठीक नहीं रहती और सुनवाई तो छोड़ो बेड तक उपलब्ध नहीं हो पाता है।

अमर सिंह हुरावली, मरीज के पिता

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2 साल के बच्चे को डेंगू हुआ तो उसे सरकारी के स्थान पर निजी अस्पताल में भर्ती किया। प्लेटलेट्स 36 हजार रह गई थी तो वह चढ़वानी पड़ी। अब ठीक है पांच दिन बाद उसे रविवार को डिस्चार्ज करा लिया। यदि सरकारी अस्पताल में व्यवस्थाएं बेहतर होती तो हम निजी में क्यों 50 हजार रुपये खर्च करते।

विज्ञान अग्रवाल, मरीज के पिता

फिलहाल शहर में डेन-2 का कोई मरीज नहीं है। डेंगू के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए लार्वा सर्वे के लिए टीम गठित की गई है। शहर व ग्रामीण क्षेत्र में लार्वा सर्वे के साथ नष्ट करने और फोगिंग कराएगी। किट का ऑर्डर लगा दिया है, जल्द ही उपलब्ध होगी तो जिला अस्पताल में भी जांच शुरू कर दी जाएगी।

डा. मनीष शर्मा, सीएमएचओ

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