मटकी फोड़ आंदोलन की तैयारी कर रहे आंदोलित कर्मचारी

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। 3 सूत्रीय मांगों को लेकर करीब 12 दिनों से हड़ताल कर रहे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों के द्वारा सोमवार से आंदोलन को उग्र रूप देने की तैयारी की जा रही है जिसको लेकर आज धरना स्थल पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें सोमवार को होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई। गौरतलब है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कर्मचारियों के द्वारा पदोन्नति नियमितीकरण वेतन विसंगति दूर किए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है इसके पूर्व संगठन के पदाधिकारी के द्वारा महारैली ज्ञापन सहित अनेक आयोजन कर शासन प्रशासन को चेताने का प्रयास किया गया है लेकिन इसके बावजूद सरकार की ओर से कर्मचारियों के हित में किसी भी प्रकार का कदम नहीं उठाया गया है जिसके कारण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।
संगठन के प्रांतीय आव्हान पर करेंगे मटकी फोड़ आंदोलन
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के वरिष्ठ पदाधिकारियों की माने तो प्रांतीय आह्वान पर 22 जुलाई से संगठन चरणबद्ध आंदोलन कर रहा है इसी कड़ी में शासन प्रशासन को चेताने के लिए 2 अगस्त को मटका फोड़ आंदोलन, आंदोलित कर्मचारियों के द्वारा किया जाएगा इसके अलावा संगठन के पदाधिकारियों के द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं और मांगों से अवगत कराया जाएगा।
जब तक मांगे पूरी नहीं होगी तब तक चलेगा आंदोलन- जिला अध्यक्ष
इस संदर्भ में चर्चा के दौरान संगठन के जिला अध्यक्ष नामदेव राउत ने बताया कि नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर लगातार अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है उन्होंने कहा कि सोमवार को स्थानीय जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा और मटकी फोड़ आंदोलन का भी आगाज किए जाने की रणनीति पर विचार किया जा रहा है उन्होंने कहा कि जब तक कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी जाती तब तक यह अनिश्चितकालीन आंदोलन सतत चलता रहेगा । उन्होंने कहा कि संगठन आम नागरिकों के प्रति संवेदनशील है अधिकारी और कर्मचारियों की विभिन्न मांगों से सरकार को अवगत कराया गया था और कहा गया था कि यदि नियमितीकरण वेतन वृद्धि शायद हमारी अन्य मांगों को मान लिया जाता है तो वह चरणबद्ध आंदोलन नहीं करेंगे लेकिन सरकार के द्वारा निश्चित समय अवधि में निर्णय नहीं लिया गया जिसके कारण मजबूरन कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ा । लगातार अपनी मांगों को लेकर संगठन द्वारा आंदोलन प्रदर्शन किया जा रहा है ताकि सरकार हरकत में आए। यदि सरकार ने हमारी मांगों पर विचार नहीं किया तो आने वाले समय में आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा।

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