राज्यसभा में बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीन के साथ हुआ समझौता, भारत ने कुछ नहीं खोया

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नई दिल्ली Parliament Session Rajnath Singh । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज भारत-चीन सीमा विवाद पर राज्यसभा में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि चीन के साथ सीमा विवाद के लेकर स्थिति अब समाधान के करीब है और पैंगोंग झील को लेकर चीन के साथ समझौता हो चुका है। रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों की वापसी पर चीन के साथ सहमति बन चुकी है और इस संबंध में तनावग्रस्त इलाके से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में जोर देकर कहा कि चीन के साथ समझौते में भारत ने एक इंच भी जमीन नहीं खोई है। दोनों पक्षों के बीच अभी भी कुछ मुद्दों पर सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा ही द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांतिपूर्ण स्थिति को बनाए रखने के प्रति जोर दे रहे थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन ने समझौते के तहत तय किया है कि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को लागू किया जाएगा व जो निर्माण अभी तक किया गया उसे तत्काल हटा दिया जाएगा। साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत चीन सीमा विवाद के कारण जिन जवानों ने अपनी जान इस दौरान गंवाई है, उन शहीदों को भारत हमेशा सलाम करेगा। मुझे भरोसा है कि पूरा सदन देश की संप्रभुता के मुद्दे पर एक साथ खड़ा है।

दोनों देशों के कमांडर में बीच होगी बैठक

रक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि सैनिक वापसी की प्रक्रिया के बाद बाकी मुद्दों का निराकरण भी चर्चा के जरिए ही किया जाएगा। समझौते के 48 घंटे के भीतर दोनों देश के कमांडर भी मुलाकात करेंगे। पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों की वापसी पर सहमति बन गई है और बुधवार से सीमा पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया हो चुकी है।

इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने एलएसी पर हथियार और गोला-बारूद और सैनिकों की संख्या बढ़ा दी, लेकिन हमने चीन का मुकाबला करने के लिए स्पष्ट कदम उठाया है। हमारे पास बहादुर जवान हैं, जो रणनीतिक स्थानों पर डटे हैं और हम इन स्थानों पर बढ़त के साथ हैं। देश के बहादुर जवानों ने साबित किया है कि वे राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने के लिए कुछ भी करेंगे। हम चाहते हैं कि दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करें। एकतरफा एलएसी में किसी भी प्रकार का बदलाव स्वीकार नहीं होगा। हम चाहते हैं कि 2020 की फॉरवर्ड तैनाती को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाए।

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