नगर मुख्यालय से होकर गुजरे बालाघाट-सिवनी हाईवे मार्ग के अलावा हाई स्कूल मार्ग, गुजरी पहुंच मार्ग, अमोली-समनापुर राज्य मार्ग व सर्राटी नदी पुल सहित ग्राम पंचायत कंजई से लेकर गर्रा तक जगह-जगह आवारा मवेशी यमदूत बनकर घुम रहे है एवं धमाचौकड़ी मचा रहे है। जिससे आवागमन प्रभावित होने के साथ ही दुर्घटनाओं का अंदेशा बना हुआ है और इन आवारा मवेशियों के धमाचौकड़ी के चलते हादसे भी घटित हो रहे है एवं हर समय दुर्घटना घटित होने की संभावना बनी हुई है। साथ ही किसानों के द्वारा खरीफ सीजन में धान की फसल लगाई गई है जिसे भी आवारा मवेशी रात्रि के समय खेतों में पहुंचकर धान की फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे है जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं गत दिवस नवागत कलेक्टर मृणाल मीणा के द्वारा भी प्रशासन को कड़े निर्देश जारी किये गये है कि यदि कहीं पर भी आवारा मवेशी दिखाई देते है तो उन्हे तत्काल पकडक़र गौशाला पहुंचाया जाये । जिसके परिपालन में बालाघाट नगरपालिका के द्वारा कार्यवाही भी की गई है परन्तु लालबर्रा नगर मुख्यालय सहित अन्य ग्राम पंचायतों के द्वारा आवारा मवेशियों को पकडऩे की कार्यवाही अब तक शुरू नही की गई है जिसके कारण आवारा मवेशी हाईवे मार्ग सहित अन्य मार्गों में धमाचौकड़ी मचाते हुए नजर आ रहे है एवं रात्रि के समय किसानों के खेतों में लगी फसल को नुकसान पहुंचा रहे है। जिससे सबसे अधिक परेशानी राहगीरों व किसानों को हो रही है जिसके कारण लोगों में प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है। वहीं ग्रामीण व राहगीरों न जिस तरह से बालाघाट नगरपालिका के द्वारा मवेशियों को पकडक़र गौशाला भेजने की कार्यवाही की जा रही है उसी तरह लालबर्रा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों के द्वारा भी कार्यवाही किये जाने की मांग की है। आपकों बता दे कि इन दिनों नगर मुख्यालय में आवारा मवेशियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है जिनके द्वारा हाईवे मार्ग में शांति नगर स्थित मजार के पास, हाईस्कूल रोड, सर्राटी नदी पुल, जैन स्थानक भवन के सामने सहित अन्य स्थानों में धमाचौकड़ी करने के साथ ही सडक़ के बीचों-बीच बैठकर आराम किया जाता है। जिसके कारण मार्ग से गुजरने वाले चौपहिया-दुपहिया वाहनों, साइकिल चालकों व पैदल आवागमन करने वाले लोगों को भारी परेशानी होती है। साथ ही ये आवारा मवेशी रास्ते के बीचों-बीच झुंड बनाकर खड़े हो जाते है जिससे परेशान वाहन मालिकों को गुजरते समय इन आवारा पशुओं को हटाने हेतु अपने वाहन का हार्न बजाना पड़ता है एवं कई बार तो ऐसी स्थिति बन जाती है कि ये मवेशी रास्ते से हटने को तैयार नही होते। जिसके कारण रास्ता जाम होने की स्थिति बन जाती है। साथ ही दुर्घटनाएं भी घटित हो रही है परन्तु जिम्मेदारों के द्वारा इन आवारा मवेशियों के मालिकों पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है। इसलिए वे बेझिझक होकर अपने मवेशियों को खुला छोड़ दे रहे है जो राहगीरों व ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनते जा रहे है। नगर के जागरूक नागरिकों ने ग्राम पंचायत पांढरवानी-लालबर्रा सहित हाईवे रोड़ किनारे स्थित पंचायतों के सरपंच, राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग से धर-पकड़ अभियान चलाकर आवारा मवेशियों को पकडक़र गौशाला भिजवाकर पशु मालिकों पर वैधानिक कार्यवाही करने की मांग की है।
आवारा मवेशी फसल को कर रहे बर्बाद
नगर मुख्यालय से सटी ग्राम पनबिहरी, औल्याकन्हार, मानपुर, पांढरवानी, कटंगटोला, रामजीटोला, अमोली में किसानों के द्वारा अपने खेतों में खरीफ धान की फसल लगाई गई है परन्तु आवारा मवेशी रात्रि के समय खेतों में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। साथ ही किसानों के द्वारा अपनी फसलों में लगी बीमारी की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाई का भी छिडक़ाव किया जाता है जिसके सेवन से भी पूर्व में मवेशियों की मौत भी हो चुकी है उसके बावजूद भी पशु मालिक अपने मवेशियों को खुल छोड़ दे रहे है।
प्रशासन आवारा मवेशियों को पकडक़र भेजे गौशाला
लालबर्रा मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों मेें भी आवारा मवेशी सडक़ों पर घुमते रहते है जिससे आवागमन भी बाधित होता है साथ ही फसलों को भी नुकसान पहुंचाते है। पूर्व में सभी ग्राम पंचायतों में आवारा मवेशियों के लिए कांजी हाऊस हुआ करते थे जहां पर किसान अपनी खेतों की नुकसानी करने वाले आवारा मवेशियों को लाकर बंद कर देते थे जिन्हे पशु मालिक के द्वारा जुर्माना की राशि देकर छुड़ाया जाता था। जिससे पशुमालिक अपने पशुओं को आवारा छोडऩे से बचते थे और अपने पशुओं को सुरक्षित घर पर ही बांधकर रखते थे परन्तु वर्तमान समय मेें अधिकांश पंचायतों में कांजी हाऊस नजर नही आ रहा है। जिसके कारण भी पशुमालिक अपने मवेशियों को खुला छोड़ रहे है और यही मवेशी नगर मुख्यालय सहित ग्राम पंचायत कंजई से लेकर गर्रा हाईवे मार्ग में जगह-जगह शाम के बाद धमाचौकड़ी मचाते हुए नजर आ रहे है। साथ ही आवारा मवेशियों के धमाचौकड़ी के कारण पुर्व में दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी है जिससे कई लोग काल के गाल में समा चुके है और वर्तमान समय में भी रोजाना छोटी-मोटी दुर्घटनाएं घटित हो रही है।उसके बावजूद भी प्रशासन आवारा मवेशियों को पकडक़र गौशाला भेजने एवं पशु मालिकों पर कोई कार्यवाही नही कर रहे है जिससे सभी में आक्रोश व्याप्त है।