आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने गिरफ्तार कर लिया। अमानतुल्लाह के बटला हाउस स्थित घर पर ED सोमवार सुबह छापेमारी करने पहुंची थी। 6 घंटे की जांच के बाद एजेंसी ने अमानतुल्लाह खान की यह गिरफ्तारी की है। अमानतुल्लाह के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड की वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर जांच की जा रही है।
इससे पहले इसे लेकर अमानतुल्लाह ने एक वीडियो भी शेयर करते हुए कहा था कि सर्च वॉरंट के नाम पर ईडी वाले मुझे अरेस्ट करने आए हैं। मेरी सासू मां को कैंसर है और 4 दिन पहले उनका ऑपरेशन हुआ है। मैंने ईडी के सभी नोटिस का जवाब दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन पर फर्जी आरोप लगाए जा रहे हैं। वो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि मेरी पार्टी को भी परेशान कर रहे हैं। उनका मकसद है हमें तोड़ना और हमें अलग करना।…हम टूटने वाले नहीं हैं लेकिन हम इनसे नहीं डरेंगे। मुझे कोर्ट पर यकीन है कि जिस तरह से हमें पहले इंसाफ मिला है, उसी तरह से आगे भी मिलेगा। वहीं, भाजपा ने इस कार्रवाई को जैसा बोएंगे, वैसा काटेंगे करार दिया है। आइए- यह जानते हैं कि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में गिरफ्तारी में ED को क्या ताकत मिली हुई है। मनी लॉन्ड्रिंग के सेक्शन 19 और 45 क्या हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही ईडी के हाथ बांध चुका है। लीगल एक्सपर्ट से समझते हैं।
ईडी के पास सीएम को गिरफ्तार करने की भी पावर
सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट शिवाजी शुक्ला के अनुसार, ईडी के पास मनी लॉन्ड्रिंग और पीएमएलए के तहत निर्दिष्ट कुछ आर्थिक अपराधों से संबंधित मामलों की जांच करने का अधिकार है। यह अपनी खुफिया जानकारी के आधार पर या अन्य एजेंसियों या अधिकारियों से शिकायत या रेफरल प्राप्त होने पर जांच शुरू कर सकती है। एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग या आर्थिक अपराधों में शामिल होने के संदेह में संपत्तियों, दस्तावेजों और संपत्तियों की तलाशी, छापेमारी और जब्ती करने की शक्ति है। इसमें चल और अचल दोनों संपत्तियां शामिल हैं। उसके पास पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग या आर्थिक अपराधों में शामिल होने के संदेह में व्यक्तियों को गिरफ्तार करने का भी अधिकार है, चाहे वह सीएम ही क्यों न हो।
भारत और विदेश में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी संपत्तियां कुर्क कर सकता है
ईडी भारत और विदेश दोनों में ऐसी संपत्तियों को कुर्क कर सकता है, जिन पर अपराध से प्राप्त आय या मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में शामिल होने का संदेह हो। यह कानून की उचित प्रक्रिया के बाद ऐसी संपत्तियों को जब्त करने के आदेश भी मांग सकता है। यह पीएमएलए के तहत नामित विशेष अदालतों के समक्ष अपराधियों पर मुकदमा भी चला सकती है। इसके अलावा, वह सीमा पार वित्तीय अपराधों की जांच और अभियोजन के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और अधिकारियों के साथ सहयोग करता है। यह विदेशी न्यायक्षेत्रों से सहायता मांग सकता है।