Ashraf Ghani बोले- जूते भी नहीं पहन सका, नोट क्या साथ ले जाता, नहीं भागता तो चौराहे पर फांसी टांग दिया जाता

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Ashraf Ghani Video: तालिबान के डर से मुल्क छोड़ने के आरोप झेल रहे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सफाई दी है। काबुल छोड़ने के बाद से यूएई में शरण लेने को मजबूर हुए Ashraf Ghani ने फेसबुक पर वीडियो शेयर कर सफाई दी है। उन्होंने कहा, मैं काबुल में रुकता तो कहीं ज्यादा खून खराबा होता। एक राष्ट्रपति को आप चौराहे पर फांसी पर टंगा पाते। वहीं अपने साथ सरकारी खजाना ले जाने के आरोपों पर उन्होंने कहा है कि वे जूते भी नहीं पहन सके, अपने साथ नोटों के बंडल क्या ले जाते। पढ़िए Ashraf Ghani ने वीडियो में और क्या खास कहा

Ashraf Ghani ने कहा, मैं एक जोड़ी कपड़ों, एक बनियान और पहनी गई सैंडल के साथ अफगानिस्तान छोड़ने को मजबूर हुआ हूं। मुझे ऐसी स्थिति में निकाला गया था जहां मैं अपने जूते भी नहीं पहन सकता था। इन दिनों आरोप लगे कि पैसा ट्रांसफर किया गया, ये आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।

अशरफ गनी ने बताया, अभी के लिए मैं अमीरात (UAE) में हूं ताकि रक्तपात और अराजकता बंद हो जाए। मैं अपने देश लौटने के लिए बातचीत कर रहा हूं। उन्होंने आगे कहा, मुझे अफगानिस्तान से इस तरह निकाल दिया गया था कि मुझे अपनी चप्पलें अपने पैरों से उतारने और अपने जूते पहनने तक का भी मौका नहीं मिला। अगर मैं वहां रहता, तो अफगानिस्तान के एक निर्वाचित राष्ट्रपति को फिर से फांसी दी जाती। अफगानों की आंखों के ठीक सामने।

अशरफ गनी ने ताजिकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत के दावों का खंडन किया कि उन्होंने देश के खजाने से लाखों डॉलर की चोरी की थी। गनी का यह बयान काबुल में रूसी दूतावास के यह कहने के दो दिन बाद आया है कि गनी चार कारों और नकदी से भरे एक हेलीकॉप्टर के साथ काबुल से रवाना हुए थे। उन्होंने तालिबान आंदोलन के वरिष्ठ सदस्यों हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला के बीच वार्ता का समर्थन किया।

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