ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन की वार्षिक साधारण सभा सोमवार को संपन्न हुई। संस्था के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुभाष गुप्ता एवं सचिव दिनेश गुप्ता ने बैठक का संचालन किया। इसमें मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान सहित देश के अन्य प्रान्तों से संस्था के सदस्य और दाल मिलर्स सम्मिलित हुए।
सभा का शुभारंभ अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल एवं दाहोद (गुजरात) के असगर भाई शाह, निमेश शाह, जबलपुर (मध्यप्रदेश) के अनुग्रह जैन सहित अन्य गणमान्य अतिथियों में दीप प्रज्वलित कर किया। संस्था अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने संस्था के माध्यम से देश के दाल उद्योगों के हित में किए जा रहे विभिन्न कार्यों और प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत जुलाई माह में मप्र सरकार के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, भोपाल द्वारा खाद्य विभाग में सभी प्रसंस्करणकर्ता दाल मिलर्स को महीने में दो बार पाक्षिक विवरणी प्रारूप ‘अ’ एवं ‘ब’ में स्टाक विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया था। पाक्षिक विवरण प्रारूप ‘ब’ में दाल साबुत, दाल छिलका सहित एवं दाल छिलका रहित के स्टाक अलग-अलग मांगे जा रहे थे। इस अव्यवहारिक एवं विसंगतिपूर्ण नियम को समाप्त कराने के लगातार प्रयास किए जा रहे थे।
मध्यप्रदेश सरकार ने संस्था के अनुरोध पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में स्टाक विवरण देने पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है। अब प्रसंस्करणकर्ता दाल मिलर्स को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में स्टाक विवरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। केवल केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले एवं खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के पोर्टल पर साप्ताहिक स्टाक विवरण भेजना अनिवार्य रहेगा |
दाहोद (गुजरात) के असगर भाई शाह ने ब्रांडेड दालों पर लग रहे पांच प्रतिशत जीएसटी को समाप्त किए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि दाल मिलों द्वारा अपने प्रचलित ब्रांड का उपयोग करने पर दालों पर अतिरिक्त जीएसटी जुड़कर दालें बिकती हैं, तो खरीदार माल नहीं लेते हैं। यह कर समाप्त होने से आम उपभोक्ताओं को दालें उचित मूल्य पर प्राप्त हो सकेंगी। देश के बाहर से दलहन आयात के लिए दाल मिलों को आयात लाइसेंस दिए जाने के संबंध में भी सुझाव देते हुए जावरा (मप्र) के मुकेश जैन ने कहा कि विदेशों से दलहन आयात के लिए दाल इण्डस्ट्रीज को भी आयात लाइसेंस केंद्र सरकार को देना चाहिए। देश की दालों के निर्यात के लिए भी भारत सरकार के सहयोग की आवश्यकता है।
सरकार को दालों के निर्यात के लिए विशेष पालिसी बनाना चाहिए । बैठक में मप्र में राज्य के बाहर से प्रसंस्करणकर्ताओं द्वारा दाल बनाने के लिए मंगाए जाने वाले दलहन पर मंडी शुल्क से छूट करवाने के संबंध में कहा कि इस बारे में मप्र सरकार से कार्यवाही करनी शुल्क से छूट दिलवाने के प्रयास किए जाने चाहिए।