कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एमआई अरुण ने अपने एक फैसले में आदेश पारित किया है। एक्साइज ड्यूटी लगाना सरकार की नीति का विषय है। इस मामले में हाईकोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगी।
हाईकोर्ट के इस निर्णय से केंद्र सरकार को जीएसटी के साथ-साथ अब एक्साइज ड्यूटी लगाने के लिए भी एक तरह से हरी झंडी मिल गई है।
कर्नाटक हाईकोर्ट में तंबाकू उत्पादकों द्वारा याचिका दायर की गई थी। उसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। सीजीएसटी तंबाकू पर शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है। जबकि जीएसटी लागू होने के बाद दोहरे कराधान को प्रतिबंधित किया गया था।
हाईकोर्ट के इस फैसले का दूरगामी असर होगा। राज्य सरकारें भी अब कर व्यवस्था को लेकर अपने अधिकारों का उपयोग कर करारोपण कर सकेंगी।