ग्राम पंचायत वारा में इशुलाल तुरकर की मौत पर उनके परिजन द्वारा इसे घटना नही हत्या ेकरार दिया है। जिसको लेकर २९ मार्च को परिजन ने थाना प्रभारी एसएस चौहान से मुलाकात की और उनसे इसे हत्या का मामला बताया जिस पर थाना प्रभारी एसएस चौहान ने उचित जॉच कर हर पहलू पर जॉच करने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि इशुलाल तुरकर २४ मार्च से गायब था जिसका शव २७ मार्च को ग्राम स्थित तुमाड़ी रोड़ स्थित तालाब में मिला था। मृतक अपनी भैंस की तलाश में निकला था जो २३ मार्च से गायब थी। जब मृतक नही लौटा तो परिजनों द्वारा मृतक की गुम इंसानी भी वारासिवनी थाना में दर्ज कराई गई थी।
शरीर पर है चोट के निशान – विनय
पद्मेश को जानकारी देते हुये परिजन विनय तुरकर ने बताया कि यह आत्महत्या का नही हत्या का मामला है। मृतक मेरे भाई है जो प्रतिदिन की तरह ही २३ मार्च को जब भैंस लौटकर नही आयी तो वे उसकी तलाश में २४ मार्च को घर से निकल गये थे। इस दौरान उन्हे पता चला की उनकी भैंस किसी के खेत में बंधी हैजिसके बाद उन्होने भैंस छुडाकर जब लायी जा रही थी तब उनका विवाद हुआ और उसी समय से वे गायब हो गये। हमारे द्वारा अगले दिन पुलिस थाना वारासिवनी में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। मगर जब वे मिले तो उनके चेहरे व हाथ पैर में चोट के निशान थे। जिस तलाब में उनका शव मिला वो वारा पंचायत अंर्तगत आने वाले तुमाड़ी रोड़ पर पडऩे वाले तालाब में मिला है। बीते कुछ दिन पूर्व ही उनका एक विवाद हुआ था। जिन लोगों से विवाद हुआ था हमारा शक है की उन्ही लोगों ने उनकी हत्या की है। इसी संदर्भ में आज हम थाना प्रभारी से मिलने व अपने बयान दर्ज कराने आये हुये है।
गुमशुदगी की कराई गई थी रिपोर्ट दर्ज – धर्मेन्द्र
इसी कड़ी में मृतक के पुत्र धर्मेन्द्र तुरकर ने पद्मेश को बताया कि मेरे पिता काफी सीधे सादे इंसान थे। जब वे २४ मार्च की देर शाम तक नही लौटे तो हम लोगो न उनकी खोजबीन की मगर उनका कही अता पता नही चला हमारे द्वारा अगले दिन उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। मेरे पिता भैंस की तलाश में गये हुये थे और उन्होने भैस को एक खेत से छुड़ाकर जब लाया जा रहा था तब खेत मालिक से उनका विवाद हुआ। और तालाब में उनका शव तैरता हुआ २७ मार्च को मिला है। मगर उनके पिता के शव में मारपीट के निशान साफ तौर पर दिखाई दे रहे थे जिससे हमे पूरी संभावना है कि उनकी हत्या हुई है और हम चाहते है कि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जॉच करे।