लालबर्रा के आदिम जाति कल्याण विभाग के शासकीय सीनियर बालक छात्रावास में वर्ष २०१३ में मरम्मत व सौंदर्यीकरण के लिए स्वीकृत ५०,००० रूपये राशि का गबन करने का मामला प्रकाश में आया है जिस पर लालबर्रा पुलिस ने प्रार्थी अक्षय मोहारे की रिपोर्ट पर तत्कालीन छात्रावास अधीक्षक डीडी भालेकर के खिलाफ राशि का गबन करने के आरोप में भादवि. की धारा ४०९ के तहत मामला पंजीबध्द कर मामले की विवेचना की जा रही है। आपकों बता दें कि आदिम जाति कल्याण विभाग की शासकीय सीनियर बालक छात्रावास लालबर्रा जो बड़ी पनबिहरी में स्थित है और वर्ष २०१३ में तत्कालीन छात्रावास अधीक्षक डीडी भालेकर पदस्थ थे जिस समय शासन की ओर से बालक छात्रावास के सौदर्यीकरण एवं मरम्मत कार्य के लिये ५०००० हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई थी जिसका उपयोग तत्कालीन अधीक्षक डीडी भालेकर के द्वारा छात्रावास के सौदर्यीकरण कार्य में खर्च न कर अपने स्वयं के कार्याे में खर्च कर लिया गया था जिसकी शिकायत करने पर जांच में तत्कालीन अधीक्षक से सौदर्यीकरण व मरम्मत कार्य से संबंधित फोटोग्राफ्स मांगे गये थे जो उनके द्वारा उपलब्ध नहीं करवाया गया। जिसके बाद मामले की जांच मौके पर पहुंचकर की गई थी तो छात्रावास में किसी भी तरह का सौदर्यीकरण एवं मरम्मत कार्य नहीं पाया गया जिस पर जांचकर्ता अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन छात्रावास अधीक्षक डी.डी. भालेकर को ५० हजार रूपये की राशि शासकीय कार्यालय में चैक, ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करने कहा गया था परंतु उनके द्वारा किसी भी तरह की राशि अब तक जमा नहीं की गई है जिसकी शिकायत हट्टा निवासी अक्षय मोहारे के द्वारा लालबर्रा थाने में १६ मई को कर दोषी के विरूध्द कानूनी कार्यवाही की मांग की गई थी। जिस पर लालबर्रा पुलिस ने शासकीय सीनियर बालक छात्रावास के तत्कालीन अधीक्षक वारासिवनी के वार्ड नं. ४ निवासी डीडी भालेकर के खिलाफ भादवि. की धारा ४०९ के तहत मामला पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया है, विवेचना में शिकायत सही पाये जाने पर श्री भालेकर को गिरफ्तार कर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
नगर मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत पनबिहरी में आदिम जाति कल्याण विभाग का शासकीय सीनियर बालक छात्रावास है जहां दूर-दराज के अनुसूचित जनजाति/ अनुसूचित जाति के बच्चें रहकर पढ़ाई करते है और छात्रावास के मरम्मत व सौंदर्यीकरण के लिए वर्ष २०१३ में ५० हजार रूपये राशि स्वीकृत हुई थी। जिस समय छात्रावास का अधीक्षक डीडी भालेकर थे जिनके द्वारा उक्त कार्य किया जाना था परन्तु उन्होने कार्य न करते हुए सौंदर्यीकरण के नाम पर रूपये निकालकर गबन कर लिया। राशि गबन कर लेने की शिकायत होने के बाद जिला प्रशासन के द्वारा टीम गठित कर शासकीय सीनियर बालक छात्रावास लालबर्रा की जांच करवाई गई तो सौंदर्यीकरण एवं मरम्मत कार्य नही करवाया गया था। जिस पर तत्कालीन अधीक्षक को नोटिस जारी कर शासन से जो राशि स्वीकृत हुई थी ५० हजार रूपये उसे डिमांड ड्राफ्ट व चेक के माध्यम से जमा करने कहा गया था जिससे सौंदर्यीकरण का कार्य को किया जा सके। जिसके बाद तत्कालीन अधीक्षक डीडी भालेकर ने ३ मार्च २०२३ को अपना जवाब प्रस्तुत करते हुए कहा कि तत्कालीन सहायक आयुक्त आनंद मिश्रा के द्वारा सौंदर्यीकरण कार्य के लिए शासन की ओर से मिली राशि को बिना सौंदर्यीकरण एवं मरम्मत कार्य करवाये बैंक से निकालकर देने के लिए मुझे डरा-धमकाकर दबाव बनाया जा रहा था एवं मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था इस कारण मैंने मामले की शिकायत लोकायुक्त से की थी जिस पर लोकायुक्त की टीम ने सहायक आयुक्त कार्यालय बालाघाट में पदस्थ सहायक ग्रेड २ प्रकाशराज पालेवार को पकड़कर राशि जप्त कर आवश्यक कार्यवाही की थी। तत्कालीन अधीक्षक श्री भालेकर के द्वारा राशि का गबन करने का मामला श्रीमान अमरकुमार शर्मा अपर सत्र न्यायाधीश बालाघाट के न्यायालय में विचारधीन है जिस पर शासकीय अधिवक्ता बालाघाट के द्वारा १० अप्रैल २०२३ को कार्यायलीन टीम में लेख किया गया है कि यह प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि उक्त कर्मचारी के द्वारा शासकीय राशि ५० हजार रूपये छात्रावास मरम्मत हेतु आबंटित की गई थी जिसका उपयोग डीडी भालेकर के द्वारा स्वयं के लिये उपयोग कर राशि का गबन किया जाना प्रतीत होता है जिसके विरूध्द भादवि. की धारा ४०९ के तहत मामला पंजीबध्द कर कार्यवाही किया जाना चाहिए और कलेक्टर बालाघाट के द्वारा २ मई २०२३ को नोटिस जारी कर जो राशि का गबन किया गया है उसे शासकीय कोष में जमाकर जवाब प्रस्तुत करने पत्र भी जारी किया गया था जिस पर उन्होने ८ मई २०२३ को स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया। जिसके अवलोकन के बाद शासकीय अधिवक्ता के अभिमत के आधार पर तत्कालीन अधीक्षक डीडी भालेकर के विरूध्द भादवि. की धारा ४०९ के तहत उचित कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया गया था। जिस पर लालबर्रा पुलिस ने प्रार्थी हट्टा निवासी अक्षय पिता छुन्नुलाल मोहारे की रिपोर्ट पर शासकीय सीनियर बालक लालबर्रा के तत्कालीन अधीक्षक डीडी भालेकर के खिलाफ में ५० हजार रूपये की राशि का गबन करने का मामला कायम कर मामले की विवेचना की जा रही है।
दूरभाष पर चर्चा में उपनिरीक्षक गौरव शर्मा ने बताया कि कि लालबर्रा के शासकीय सीनियर बालक छात्रावास के तत्कालीन अधीक्षक डीडी भालेकर के द्वारा सौंदर्यीकरण एवं मरम्मत कार्य के लिए शासन से मिली ५०,००० रूपये की राशि का गबन किये की शिकायत पर उनके विरूध्द भादवि. की धारा ४०९ के तहत मामला पंजीबध्द कर मामले की विवेचना जारी है एवं विवेचना में दोषी पाये जाने पर श्री भालेकर को गिरफ्तार कर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।