पैंगोलिन की तस्करी रोकने मुखबिर बन रहे मददगार

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बालाघाट जिले में पाए जाने वाला अति विलुप्त प्रजाति के वन्य प्राणी पैंगोलिन की तस्करी के मामले बीते कई वर्षों से सामने आ रहे हैं। विदेश को मोटी रकम में बिक्री पैंगोलिन के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गई है। नेपाल थाईलैंड सहित अन्य देशों में लगातार बेचने का खुलासा तस्करी में लिप्त आरोपियों द्वारा किया गया है। ऐसा नहीं है कि वन विभाग द्वारा पैंगोलिन तस्करी पर नकेल कसने के लिए प्रयास नहीं किए गए हो।

लेकिन इस बार वन विभाग द्वारा पैंगोलिन की तस्करी को रोकने के लिए नया रोडमैप तैयार करते हुए मैदानी स्तर पर मोदी रो का जाल बिछाया गया है जंगल की भीतर किसी भी घटना की जानकारी मुखबिर तत्काल वन विभाग के आला अधिकारियों तक पहुंचाते हैं जिससे पैंगोलिन की तस्करी को रोका जा सके।

इसका बड़ा उदाहरण बीते दिनों वारासिवनी तहसील में दिखाई दिया जब आधा दर्जन से अधिक पैंगोलिन की तस्करी के आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

इस दौरान जिंदा पैंगोलिन को सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ा भी गया। पैंगोलिन की तस्करी आगे भी रहे इसलिए वन विभाग द्वारा मुखबिरों की बड़ी मदद और उन्हें हथियार बनाकर काम किया जा रहा है।

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