माता जगत जननी की आराधना जारी

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नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में 15 अक्टूबर से हर्ष उल्लास पूर्वक धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप दुर्गा उत्सव शारदेय नवरात्र पर्व मनाया जा रहा है। जिसमें जगह जगह दुर्गा उत्सव समितियों के द्वारा मां भगवती का विशाल दरबार सजा कर मां जगदंबे की ममतामई प्रतिमा स्थापित कर आराधना की जा रही है। इसी कड़ी में नगर में भी दुर्गा उत्सव की धूम मची हुई है जहां पर दुर्गा पंडालों में विशेष साज सज्जा के साथ माता रानी की स्थापना कर विभिन्न कार्यक्रम और विशेष रूप से गरबा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जहां पर दुर्गा उत्सव अपने अंतिम दौर में चल रहा है ऐसे में ग्राम सहित नगर के श्रद्धालु भक्तगण बड़ी संख्या में दुर्गा पंडालों पर पहुंचकर माता रानी के दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण कर रहे हैं। वही कुशल मंगल करने की मनोकामना मांग रहे हैं। ऐसे में नगर में शाम होते ही मेले जैसी स्थिति निर्मित हो जाती है सभी रोड एवं चौक चौराहों पर लोगों की भीड़ आवागमन करती नजर आ रही है वही दुर्गा पंडालों में भी भीड़ लगी हुई है। जहां पर 22 अक्टूबर को अष्टमी पर्व मनाकर नवमी को हवन पूजन नौ कन्या भोज कराकर जवारों का विसर्जन किया जाएगा।

हैदराबाद मोहल्ले में सिंहासन पर विराजी माता रानी

नगर के वार्ड नंबर 11 हैदराबाद मोहल्ला में मां भगवती की स्थापना विधि विधान से कर 15 अक्टूबर से नवरात्र पर्व हर्ष उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। जहाँ पिछले 24 वर्षों से सार्वजनिक दुर्गा उत्सव महिला मंडल समिति हैदराबाद मोहल्ले के द्वारा माता रानी की आराधना की जा रही है। जहां पर इस वर्ष भी मां भगवती की राजराजेश्वरी के रूप में स्थापना कर रोजाना आरती और धार्मिक कार्यक्रम भजन कीर्तन आयोजित हो रहे हैं। इस समिति में विशेष यह है कि वार्ड की सभी महिलाओं की समिति है जिसके द्वारा यह उत्सव लगातार मनाया जा रहा है।

अनाज गंज में 2 सिंह के साथ खड़ी है जगत जननी

शारदेय नवरात्र पर्व पर नगर के अनाज गंज प्रांगण में अनाज गंज दुर्गा उत्सव समिति के द्वारा मां जगदंबा भवानी की 2 सिंह के साथ आकर्षक प्रतिमा की स्थापना कर पर्व मनाया जा रहा है जहाँ रोजाना पूजा अर्चना की जा रही हैं। इस दौरान रोजाना माता रानी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी हुई है। जहाँ पर 21 अक्टूबर को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोगो ने प्रसाद ग्रहण कर धर्मलाभ लिया। विदित हो कि यह माता रानी की स्थापना विगत लंबे समय से की जा रही है जो नगर की सबसे पुरानी दुर्गा उत्सव समिति में शुमार है इसमें बताया जाता है कि वारासिवनी में भाजी मंडी और अनाज गंज में दुर्गा बैठती थी जहां ग्रामीण क्षेत्र से लोग दुर्गा देखने बैलगाड़ी व खच्चर में सह परिवार आते थे।

वैष्णो देवी के रूप में स्थापित की गई माता

श्री गुरु नानक दुर्गा उत्सव समिति के द्वारा श्री गुरु नानक धर्मशाला मैं बाघ पर सवार मां अंबे व माता वैष्णो देवी के तीन पिंड की प्रतिमा विराजित कर पर्व मनाया जा रहा है। जहां पर 15 अक्टूबर को मां भगवती की प्रतिमा स्थापित कर प्रतिदिन मां भगवती के विभिन्न रूपों की आराधना कर आरती की जा रही है। यहाँ पंडाल का भव्य निर्माण कराया गया है ऐसे में माता रानी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ पहुंच रही है।

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