असत्य पर सत्य की जीत और अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व विजयादशमी दशहरा पर्व 24 अक्टूबर को हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ नगर मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में रावण के पुतले का दहन कर हिन्दु धर्मालंबियों के द्वारा सादगीपूर्वक विजयादशमी दशहरा पर्व मनाया गया। जहां हिन्दु धार्मिक मान्यता के अनुरूप भगवान राम लक्ष्मण की शोभायात्रा निकाल कर अहंकारी रावण का दहन किया गया।
40 फिट रावण का हुआ दहन
नगर में दशहरा का पर्व हिंदु धर्मावलंबियों ने शांति के साथ मनाया। इस अवसर पर सभी धार्मिक बंधुओं एवं गैर धार्मिक बंधुओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। सिविल क्लब मैदान में 40 फिट के दशानन के पुतले के दहन में शामिल हुए। इस ऐतिहासिक दशहरा का पर्व नगर में पिछले 24 वर्षों से चल समारोह आतिशबाजी व विभिन्न झांकियों के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है 25 वें वर्ष में परंपरा का निर्वहन करते हुए दशहरा पर्व मनाया गया। दशहरा आयोजन समिति के द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। 24 अक्टूबर को पूरा नगर भगवा रंग में डूबा नजर आया इस दौरान बड़ी संख्या में अपार जन समुदाय मौजूद रहा।
श्रीराम मंदिर से निकले भगवान श्री राम
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी बड़े श्रीराम मंदिर से दशहरा पर्व शुरू हुआ। इस अवसर पर प्रभु राम की विशेष पूजा अर्चना की गई। इस दौरान श्रीराम मंदिर मे दशहरा आयोजन समिति के समस्त पदाधिकारियों और गणमान्य नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस वर्ष भी प्रतिवर्षानुसार विशाल जुलूस निकाला गया जो शांतिपूर्वक रूप से दशहरा पर्व मनाया गया। नगर में स्थित श्रीराम मंदिर से शाम ५ बजे भगवान श्रीराम, भगवान लक्ष्मण व भगवान हनुमान की जीवंत झांकी दशहरा मैदान पहुंची जहां रावण का विधि-विधान से पूजा अर्चना कर भगवान श्रीराम ने वध किया और दशानन रावण धू-धू करके जला यानि रावण का दहन किया गया। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन नगर में पूरी तरह मुस्तैद रहा वही कार्यक्रम के दौरान अधिकारी – कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
आतिशबाजी रही आकर्षण का केंद्र
दशहरा मैदान मे प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी प्रसिद्ध आतिशबाजी को बुलाकर क्षेत्र की जनता का मनोरंजन किया गया। किंतु इस बार इस आतिशबाजी को आकर्षण का केंद्र रही इसने लोगों का जमकर मनोरंजन किया।
ये बने भगवान राम के सारथी
दशहरा मैदान में जन समुदाय के बीच रामजी की सवारी पहुंची और उनके सारथी के रूप में क्षेत्र जनता जनप्रतिनिधियों सहित अन्य संगठन के पदाधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। जिन्होंने भगवान राम की शोभायात्रा श्री राम मंदिर से निकलकर ढोल बाजे और डीजे की धुन पर दशहरा मैदान तक लेकर आए।
जीवंत झांकियों ने सबका मन मोहा
चल समारोह नगर के श्री राम मंदिर से निकला इस दौरान इस चल समारोह में विशेष आकर्षण का केंद्र झांकियां रही जिसमें भगवान श्री राम भगवान लक्ष्मण भगवान हनुमान महापुरुषों में छत्रपति शिवाजी महाराज बाजीराव पेशवा वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई वीरांगना रानी अवंती बाई सहित अन्य करीब एक दर्जन से ज्यादा महापुरुषों की झांकियां रही जो घोड़े पर सवार रही।
हनुमान जी महाराज के स्वरूप ने नगर का किया भ्रमण
दशहरा चल समारोह में इस वर्ष नगर के युवाओं के द्वारा नई परंपरा का आगाज किया गया है। जिसमें भगवान हनुमान जी महाराज के स्वरूप को चल समारोह में शामिल किया गया जो पूरे कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। इस दौरान घरों की छत छप्पर और रोड किनारे लोगों की भीड़ हनुमान जी के स्वरूप को देखने के लिए कतर बध्द खड़ी रही। इस दौरान श्री राम मंदिर से 6:30 बजे भगवान हनुमान जी का स्वरूप सुमित मिश्रा के द्वारा धारण कर नगर में निकल गया। इस दौरान हनुमान जी के स्वरूप को सुरक्षित रखने के लिए चल समारोह में करीब एक सैकड़े से अधिक युवाओं के द्वारा सफेद कुर्ता डालकर रक्षा की गई। हनुमान जी का स्वरूप श्री राम मंदिर से निकला जिसे नगर के विभिन्न चौक चौराहा और गलियों का भ्रमण करते हुए मां भगवती के पंडाल में पहुंचकर माता का आशीर्वाद ग्रहण किया। इस दौरान जगह-जगह विभिन्न परिवारों के द्वारा हनुमान जी के स्वरूप की आरती उतार कर आशीर्वाद ग्रहण किया गया। इसके बाद हनुमान जी दशहरा मैदान में पहुंचे जहां पूरे मैदान की परिक्रमा कर भगवान राम का आशीर्वाद ग्रहण कर रावण वध के बाद वापस श्री राम मंदिर पहुंचे जहां हनुमान जी की आराधना की गई। विदित हो कि सुमित मिश्रा के द्वारा भगवान हनुमान जी का स्वरूप धारण किया गया था उनके द्वारा जो मुकुट धारण किया गया था वह 30 किलो से भी अधिक का वजनी और करीब 12 फिट लंबा था जो पानीपथ से लाया गया है जिसे देखने के लिए भक्तों का भीड़ लगी रही।