भरवेली घटनाक्रम के बाद शुरू हुआ आरोप प्रत्यारोप का दौर

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भरवेली में हुई घटना के विषय में अब आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है , भरवेली की घटना के बाद जहां एक ओर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे द्वारा कुछ लोगों पर भरवेली में हुई घटना को सांप्रदायिक रंग देने की बात कही गई थी ,तो उसके बाद भरवेली सरपंच पति और सरपंच के द्वारा एक प्रेस वार्ता लेकर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे द्वारा लगाए गए आरोप को निराधार और बेबुनियाद बताया है

आपको बता दे कि बीते दिनों भरवेली में हुए दो पक्षों में विवाद के बाद मामला इतना बढ़ गया था, कि दूसरे दिन भरवेली बंद और चक्का जाम जैसी स्थिति भरवेली में निर्मित हुई थी, एवं उसके बाद पुलिस द्वारा आरोपियों को न्यायालय ले जाते समय जुलूस भी भरवेली में निकाला गया था, जिससे पूर्व सांसद द्वारा प्रेस वार्ता के दौरान भरवेली की घटना में निकाले गए, जुलूस को शर्मनाक घटनाक्रम बताया गया था ,और भरवेली सरपंच सहित कुछ लोगों को इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देने की बात पूर्व सांसद द्वारा कही गई थी , उसके बाद 17 जनवरी को भरवेली सरपंच पति अनिल बिसेन और प्रार्थी बृजेश बावने द्वारा इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता ली गई, और सरपंच पति अनिल बिसेन के द्वारा बताया गया कि उन पर भरवेली में हुई घटना को लेकर सांप्रदायिकता का रंग दिए जाने का आरोप उन पर लगाया गया है, उस संबंध में उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि जो घटना उस दिन हुई थी, वह घटना विजेश बावने के साथ हुई थी और उनके द्वारा शिकायत कर एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, और उनके समर्थकों द्वारा आरोपी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो इसलिए व्यापारी भाइयों द्वारा स्वेच्छा से भरवेली बंद कर प्रदर्शन किया गया था, उसमें पूर्व सांसद द्वारा जो उन पर और ग्राम पंचायत के सरपंच पर जो आरोप लगाए गए हैं वह पूरे निराधार है और उनका और उनकी पंचायत का उस मामले में किसी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है

पूर्व सांसद को पूरी घटना की जानकारी नहीं दी गयी –

अनिल बिसेन द्वारा बताया गया कि जिस प्रकार से पूर्व सांसद कंकर मुंजारे द्वारा उन पर आरोप लगाए गए हैं, वह एक पक्षी आरोप है , पूर्व सांसद को पूरी घटना की जानकारी नहीं दी गई है उन्होंने आरोपियों के जुलूस निकालने के विषय पर कहा कि जो आदतन अपराधी होते हैं उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, किंतु उन पर कोई भी कड़ी कार्रवाई नहीं हुई और पुलिस प्रशासन को जो सही लगा वह उन्होंने किया है
पूर्व सांसद पर भी उन्होंने हमला किया था –

अनिल बिसेन ने यह भी बताया कि जो आरोपियों का पूर्व सांसद समर्थन कर रहे हैं वह आदतन अपराधी हैं जबकि उन अपराधियों द्वारा पूर्व सांसद पर भी एक बार प्राण घातक हमला किया गया था, पर पता नहीं क्यों पूर्व सांसद उनका समर्थन कर रहे हैं, और उनका पक्ष ले रहे हैं ,यह तो समझ के परे है , यह भी कहा कि पूर्व सांसद नेता है और शायद वह लोकसभा की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए वह राजनीतिक ग्राउंड बनाने के लिए उनका समर्थन कर रहे हो ,

उनके प्रतिष्ठान शासकीय भूमि पर है या नहीं वह प्रशासन देखेगा

उन्होंने उन पर जो आरोप लग रहे हैं कि उनके प्रतिष्ठान और मकान शासकीय भूमि पर है इस विषय पर कहा कि पूरा भरवेली 80% शासकीय भूमि पर बसा हुआ है और उनके प्रतिष्ठान शासकीय भूमि पर है या नहीं है यह देखने का काम प्रशासन का है और प्रशासन इस पर न्याय करेगा

पंचायत में मैं ही काम करती हूं और मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूं –
भरवेली सरपंच गीता बिसेन द्वारा प्रेस को जानकारी देते हुए बताया गया कि जिस प्रकार से पूर्व सांसद कंकर मुंजारे द्वारा उन पर आरोप लगाए गए हैं कि वह पंचायत में काम नहीं करती, और उनके पति अनिल बिसेन ही सारे काम करते हैं, इस पर वह पूर्व सांसद को बता देना चाहती हैं, कि जो भी काम है, पंचायत के वह स्वयं करती हैं, चाहे अतिक्रमण की कार्रवाई हो, या पंचायत में बैठने का या जो भी समस्याएं ग्राम पंचायत भरवेली में होती है ,उन सभी का निपटारा वह स्वयं करती है, क्योंकि वह पढ़ी लिखी है और पोस्ट ग्रेजुएट की हुई है

मुझे जरूरत नहीं थी भरवेली बंद करने की

भरवेली घटनाक्रम के प्रार्थी विजेश बावने द्वारा मीडिया को जानकारी दी गयी , कि उनके द्वारा भरवेली बंद नहीं करवाया गया था, वह तो घटना होने के बाद उनके समर्थक और व्यापारी वर्ग द्वारा स्वेच्छा से आकर भरवेली बंद कर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी , और जिस प्रकार से पूर्व सांसद द्वारा उन पर आरोप लगाए गए हैं ,उससे कहीं ना कहीं उनकी छवि समाज में धूमिल हो रही है ,और इसका असर उनके पारिवारिक माहौल पर भी पढ़ रहा है, जिससे उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा है , क्योंकि उन्हें कहा गया है कि वह गुंडे प्रवृत्ति के हैं ,जबकि उन पर किसी प्रकार के कोई अपराध दर्ज नहीं है, और उन्होंने यह भी बताया कि भरवेली के घटनाक्रम में कोई भी बालाघाट से नहीं आया था और ना ही उन्होंने किसी को बुलाया था और जो भी आए थे वह स्वत: ही आए थे

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