दूसरे राज्य हमारे इंजेक्शन न ले जाएं इसलिए हिमाचल गए इंदौर के अफसर; दिल्ली तक सड़क मार्ग से लाए, फिर फ्लाइट पकड़ी

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कंपनी से 24 हजार इंजेक्शन की खरीदी के बाद शुक्रवार सुबह इंजेक्शन की पहली खेप इंदौर एयरपोर्ट पर उतरी। पहली खेप में 12 हजार 240 एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन आए हैं। हिमाचल प्रदेश से इंजेक्शन गुरुवार शाम 280 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिल्ली तक लाया गया। इंजेक्शन की डिमांड को देखते हुए दूसरे राज्य हमारा इंजेक्शन न ले जाएं, इसलिए इंदौर के अफसरों की टीम हिमाचल गई थी।

ये इंजेक्शन कुल 34 बॉक्स में आए हैं। एक बॉक्स में 360 वायल मौजूद हैं। एयरपोर्ट पर इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा और AKVN के MD रोहन सक्सेना ने एयरपोर्ट पर इंजेक्शन रिसीव किए।

वहां से शुक्रवार सुबह इन्हें एयर लिफ्ट कर इंदौर लाया गया, शेष 12 हजार इंजेक्शन दो-तीन दिन बाद आएंगे। इसके लिए संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा करीब 15 दिन से कोशिश कर रहे थे। 18 मई को उन्होंने फार्मा कंपनियों के साथ बैठक की थी, जिसमें पता चला कि हिमाचल में नई कंपनी ने प्रोडक्शन शुरू किया है। उन्होंने एकेवीएन एमडी रोहन सक्सेना को जवाबदारी सौंपी।

शर्त थी भुगतान एडवांस, जांचने के लिए दो ड्रग इंस्पेक्टर भी भेजे

रोहन सक्सेना ने इंदौर के मरीजों की डिमांड निकालकर कंपनी को भेजा तो वह इंजेक्शन देने को तैयार हो गई, लेकिन उसकी शर्त रखी कि भुगतान एडवांस करना होगा। अफसरों ने कंपनी की वैधता, इंजेक्शन की प्रामाणिकता जांचने के लिए दो ड्रग इंस्पेक्टर बद्दी भेजे। उनकी जांच के बाद ही कंपनी को भुगतान किया।

कंपनी के पास दूसरे राज्यों से भी डिमांड आने लगी तो डॉ. शर्मा ने दो अफसरों की एक और टीम भेजी, ताकि कोई दूसरा राज्य हमारे इंजेक्शन न ले जाए। देर रात स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी व डॉ. शर्मा ने तय किया की सुबह विशेष विमान से इंजेक्शन इंदौर बुलाए जाएं।

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