फुटबॉल इतिहास में पहली बार दिखा व्हाइट कार्ड:पुर्तगाल की लीग में आया सामने, जानिए क्यों हुआ इस्तेमाल

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फुटबॉल में यलो कार्ड और रेड कार्ड के बारे में तो सभी जानते है, लेकिन पुर्तगाल की विमेंस लीग में रेफरी ने अपनी जेब से वाइट कार्ड निकाला। यह सफेद कार्ड पुर्तगाल के क्लब बेनफिका और स्पोर्टिंग लिस्बन के बीच महिला कप के क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान दिखाया गया। हाफ टाइम के ठीक पहले बेनफिका 3-0 से आगे चल रही थी, उसी समय रेफरी ने व्हाइट कार्ड दिखाने का फैसला किया। कार्ड के निकलते ही स्टेडियम के दर्शकों ने रेफरी के लिए चीयर किया।

व्हाइट कार्ड का मतलब क्या है
पुर्तगाल की नेशनल प्लान फॉर एथिक्स इन स्पोर्ट (PNED) ने एक नई पहल की है, इसके मुताबिक वाइट कार्ड फेयर प्ले के लिए दिखाया जाएगा। पुर्तगाल फुटबॉल फेडरेशन ने इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया है। जब भी दो टीमें आपस में खेल भावना के साथ खेलेंगी, तब रेफरी व्हाइट कार्ड दिखाएंगे।

मैच के दौरान वाइट कार्ड की जरूरत क्यों पड़ी
बेनफिका और स्पोर्टिंग लिस्बन के बीच मैच के दौरान दर्शकों में मौजूद एक फैन बीमार होकर बेहोश हो गया। स्थिति को संभालने के लिए दोनों ओर से टीम की मेडिकल टीम स्टैंड्स पर पहुंची और कुछ ही मिनटों में फैन को मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया। मेडिक्स की तारीफ में रेफरी ने सफेद कार्ड दिखाया। इसके बाद बेनफिका ने पुर्तगाल में एक महिला फुटबॉल खेल के लिए रिकॉर्ड भीड़ के सामने 5-0 से मुकाबला जीत लिया।

रेड कार्ड और यलो कार्ड क्यों मिलता है
1970 फीफा वर्ल्ड कप में आने के बाद, यलो कार्ड और रेड कार्ड दुनिया भर में फुटबॉल का हिस्सा बन गए। जब कोई खिलाडी फाउल करता है तो उस फाउल की गंभीरता को देखते हुए यलो और रेड कार्ड दिखाया जाता है। यलो कार्ड का मतलब चेतावनी होता है। वहीं रेड कार्ड मिलने पर प्लेयर मैच से बाहर हो जाता है और टूर्नामेंट में आगे होने वाले मैच के लिए वो ससपेंड हो जाता है। रेड कार्ड को रेफरी एक बार में भी इस्तेमाल कर सकते है। वहीं अगर किसी प्लेयर को दो यलो कार्ड मिल जाते है, तो वह एक रेड कार्ड के बराबर होता है। बेनफिका और लिस्बन मैच में व्हाइट कार्ड देखकर कई दर्शक कंफ्यूज भी हो गए थे।

इस तरह आया यलो कार्ड और रेड कार्ड का आईडिया
1966 फीफा वर्ल्ड कप में इंग्लैंड और अर्जेंटीना के बीच लंदन के वेम्ब्ली स्टेडियम में क्वार्टर फाइनल हुआ। जर्मन रेफरी रूडोल्फ कैथरीन इस मैच में रेफरी थे। मैच के बाद, समाचार पत्रों की रिपोर्ट में कहा गया कि रेफरी रुडोल्फ क्रेटलीन ने अंग्रेजों बॉबी और जैक चार्लटन को चेतावनी दी थी, साथ ही साथ अर्जेंटीना के एंटोनियो रैटिन को भी भेजा था। जर्मन भाषी होने के कारण रेफरी ने खेल के दौरान अपना निर्णय स्पष्ट नहीं किया था। इसके चलते इंग्लैंड के कोच अल्फेर्डो रामसे ने मैच के बाद स्पष्टीकरण के लिए फीफा ऑफिशियल से बात की और गेम में कार्ड का चलन शुरू हुआ।

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