रैंक बेहतर करने के लिए आइआइएम रिसर्च प्रोजेक्ट तो आइआइटी पेंटेंट की दिशा में करेंगा काम

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नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फेमवर्क (एनआइआरएफ) ने गुरुवार को देशभर के छह हजार शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग जारी की, जिसमें भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम इंदौर) का छठवां और भारतीय तकनीकी संस्थान (आइआइटी इंदौर) की 13वीं रैंक आई है। अब दोनों संस्थान अपनी रैंक को बेहतर बनाने में अभी से जुट गए है। आइआइएम इंदौर में जहां बाकी मापदंड पर पूरा करने के अलावा रिसर्च प्रोजेक्ट पर ध्यान दे रहा है। जबकि आइआइटी इंदौर ज्यादा से ज्यादा रिसर्च और पेंटेंट अपने नाम दर्ज करवाने पर जोर देने में लगा है।पांच मापदंड पर रैंककेंद्र सरकार ने 2016 से संस्थानों को रैंकिंग देना शुरू किया है। उस दौरान 500-700 संस्थानों ने आवेदन किया था। मगर साल दर साल इनकी संख्या बढ़ने लगी है। अब कालेज, विश्वविद्यालय व निजी विश्वविद्यालयों की संख्या छह हजार तक पहुंच चुकी है, जिन्हें अलग-अलग श्रेणी में रखा है। फर्मेसी, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, लॉ, विश्वविद्यालय, मेडिकल शामिल है। संस्थानों को एनआइआरएफ ने पांच अलग-अलग मापदंड पर रखा है, जिसमें टीचिंग-लर्निंग-रिर्सोसे, रिसर्च, विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात, पेंटेंट सहित शामिल है।

निजी संस्थान के लिए शोध2016 से मिलने वाली रैंक में आइआइएम का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। सिर्फ एक साल संस्थान टॉप 10 की सूची से बाहर हुआ। जबकि हर साल दस सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन संस्थानों के बीच आइआइएम ने जगह बनाई है। बीते साल से एक पायदान ऊपर आए आइआइएम ने टीचिंग से आने वाली फीस के अलावा संस्थान का रेवेन्यू बढ़ाने के दूसरे विकल्प पर भी विशेष ध्यान दिया है। संस्थानों के अधिकारियों को प्रबंधन की बारीकियां सिखाने के लिए कई एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम चलाए है, जिससे संस्थान की आय बढ़ी है। यहां तक सामाजिक कार्यों व अन्य गवर्नमेंट एजेंसी के लिए भी कंसल्टेंसी भी की। रिसर्च की संख्या बढ़ाई। उसकी बदौलत संस्थान की रैंक में सुधार आया है। निदेशक प्रो. हिमांशु राय का कहना है कि अभी जिन मापदंड पर संस्थान का अच्छा प्रदर्शन रहा है। उस पर अगले साल भी बराबर ध्यान दिया जाएगा। वे बताते है कि अगले साल निजी संस्थान व उद्योगों के लिए रिसर्च प्रोजेक्ट करेंगे। ताकि अन्य संस्थानों से भी अनुदान मिल सके।

नए क्षेत्र में करेंगे रिसर्चदेशभर के बेहतरीन इंजीनियिरिंग इंस्टिट्यूट की सूची में शामिल आइआइटी इंदौर अपनी लगातार रैंकिंग सुधारने में लगा है। शुरूआत से टॉप 20 में रहने वाले इस संस्थान ने बीते साल टॉप 10 में जगह बनाई, लेकिन इस साल भी रैंक थोड़ी आगे खिसक गई। 13वें स्थान पर आए आइआइटी इंदौर शोध को अपना मजबूत पक्ष मानता है और अगले साल भी रैंक बेहतर करने की दिशा में अभी से जुट गया है। रिसर्च और पेंटेंट की संख्या बढ़ाने जा रहा है। कुछ महीनों में संस्थान के पास सात अलग-अलग क्षेत्र में पेंटेंट दर्ज हो चुके है। यहां तक नए क्षेत्र में रिसर्च की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। निदेशक प्रो. नीलेश जैन का कहना है कि सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर अलग-अलग दिशा में काम कर रहे हैं। वैसे कोरोनाकाल में कई अच्छी रिसर्च हुई है, जिनके परिणाम भी सामने आ रहे हैं।

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