हत्या के कारण पुत्र को खोने वाली मां को मिला दो लाख रुपये मुआवजा

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से पुत्र के बिछोह से पीड़ित मां को दो लाख रुपये का मुआवजा मिल गया। मदन महल निवासी पीड़िता के पुत्र राहुल रजक की हत्या हो गई थी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शरद भामकर ने अवगत कराया कि वर्ष 2016 में मदनमहल निवासी युवक राहुल रजक की हत्या हो गई थी। युवक की मां लक्षमी रजक पूरी तरह अपने पुत्र पर आश्रित थी। पुत्र की हत्या होने के बाद लक्षमी रजक आर्थिक संकट से गुजर रही थी। इस मामले में अदालत द्वारा आरोपित को सजा सुनाई जा चुकी है। अधिवक्ता रूपेश पटेल ने पीड़ित महिला को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भेजा। जहां से मध्य प्रदेश पीड़ित प्रतिकरण योजना 2015 के तहत प्रकरण तैयार कर प्रस्तुत किया गया। जिला स्तरीय पीड़ित प्रतिकर निगरानी समिति के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवीन सक्सेना, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने जांच रिपोर्ट देखने के बाद लक्षमी रजक को दो लाख रुपये दिए गए हैं। जिला विधिक सहायता अधिकारी मोहम्मद जिलानी ने बताया कि समिति के समक्ष पांच प्रकरण प्रस्तुत किए गए थे। जिनमें तीन प्रकरणों में छह लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। जबकि दो प्रकरण निरस्त किए गए हैं।

महाकोशल यातायात कर्मचारी कांग्रेस की याचिका पर नोटिस : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने महाकोशल यातायात कर्मचारी कांग्रेस के अध्यक्ष कृपाशंकर वर्मा की याचिका पर राज्य शासन, प्रमुख सचिव श्रम सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता संजय वर्मा, श्रीमती मीना वर्मा व श्रद्धा तिवारी ने रखा। उन्होंने दलील दी कि मध्य प्रदेश शासन ने श्रम कानून को संशोधित किया, जिससे कर्मचारियों व श्रमिकों के समक्ष कई तरह की परेशानियां खड़ी हो गई हैं। संशोधित प्रविधान के तहत मध्य प्रदेश औद्योगिक संबंध अधिनियम को समाप्त प्राय कर दिया गया है। इसके लिए पूर्व में 11 उद्योगों को पृथक किया गया। इसी के साथ अब श्रमिक सीधे श्रम न्यायालय की शरण लेने के अधिकार से वंचित हो गए हैं।

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