एमबीएस हुए चीन के करीब तो घुटनों पर आया अमेरिका, सऊदी अरब को देगा ब्रह्मास्‍त्र

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सऊदी अरब और चीन दिन पर दिन करीब होते जा रहे हैं। मीडिल ईस्‍ट के एक ताकतवर देश के साथ ड्रैगन के मजबूत रिश्‍ते निश्चित तौर पर अमेरिका के दुश्‍मन की पुराने रणनीतिक साथी सऊदी के साथ करीबी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में अब बाइडन प्रशासन ने वह फैसला किया है जो सऊदी अरब के साथ उसके रिश्‍तों को नए मोड़ पर ले जा सकेगा। अमेरिका ने सऊदी अरब की मिसाइल रक्षा प्रणाली को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करने के इरादे से टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (थाड) को सौंपने का मन बनाया है।

15 अरब डॉलर की डील
अमेरिका के विदेश विभाग ने पिछले अक्टूबर में थाड की संभावित बिक्री को मंजूरी दी थी। यह सौदा 15 अरब डॉलर का था। अमेरिका चार साल में सात थाड मिसाइल रक्षा प्रणाली और 360 मिसाइल देगा सऊदी अरब को सौंपेगा। थाड को लॉकहीड मार्टिन ने तैयार किया है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह बैलिस्टिक मिसाइलों को उड़ान के अंतिम चरण में पलभर में ही नष्‍ट कर सकती है। इस सिस्टम को ‘हिट-टू-किल’ सिद्धांत का उपयोग करके तैयार किया गया है। इसलिए इंटरसेप्‍टर के पास कोई वारहेड नहीं है। एक्‍स बैंड रडार थाड का महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। इसका रडार स्टेशन 1000 किमी दूर तक बैलिस्टिक मिसाइलों का पता लगा सकता है और उन्हें ट्रैक कर सकता है। इसकी अधिकतम इंटरसेप्ट रेंज 200 किमी और ऊंचाई 150 किमी है।

करीब होते चीन और सऊदी
मार्च में चीन ने ईरान और सऊदी अरब के बीच एक ऐतिहासिक समझौते कराने में मध्यस्थता की थी। माना जा रहा है कि यह समझौता मीडिल ईस्‍ट के तनाव को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। सऊदी अरब ने भी इस समझौते के एवज में चीन के रोंगशेंग पेट्रोकेमिकल का 10% खरीदने के लिए 3.6 बिलियन डॉलर के सौदे की घोषणा की। इस घोषणा के साथ ही उसने चीन के साथ अपने ऊर्जा संबंधों को काफी मजबूत कर लिया है। इसके बाद वह कंपनी को प्रति दिन 480,000 बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति करेगा।

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