सावन में बारिश की झड़ी लगी ताे ग्वालियर चंबल अंचल पर मानाे आफत टूट पड़ी। बादल मेहरबान ऐसे हुए कि कई जिलाें में नए रिकार्ड बन गए। शिवपुरी में कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। एसडीआरएफ व एनडीआरएफ काे माेर्चा संभालना पड़ रहा है। उधर मणिखेड़ा डेम से पानी छाेड़ने के बाद दतिया का सनकुआ धाम डूब में आ गया है। हरसी नहर ओवरफ्लाे हुई ताे साठ गांव में पानी भर चुका है। पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद माेहना में पुल पर पानी भर जाने के कारण आगरा-मुंबई हाइवे काे बंद कर दिया गया है। वहीं शिवपुरी में ट्रेन की पटरियां पानी में डूब गई हैं। जिसके कारण ग्वालियर-इंदाैर इंटरसिटी रात से ही शिवपुरी रेलवे स्टेशऩ पर खड़ी हुई है। कुल मिलाकर बारिश के कारण रेल यातायात व सड़क यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। श्याेपुर में ताे बाढ़ में फंसे लाेग वीडियाे बनाकर इंटरनेट मीडिया पर पाेस्ट करके लाेगाें से मदद की गुहार लगा रहे हैं। भारी बरसात से जहां पूरा अंचल त्राही-त्राही कर रहा है, वहीं ग्वालियर शहर के लिए जरूर यह बारिश बड़ी राहत लेकर आई है। क्याेंकि तिघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिससे अब शहर काे पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
रेल व सड़क यातायात ठपः माेहना में पार्वती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। यहां पर पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। जिसके कारण प्रशासन ने यहां पर वाहनाें का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया है। हालत यह है कि आगरा-मुंबई हाइवे पूरी तरह से बंद है। वहीं बारिश के कारण रेल यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बीती शाम काे ग्वालियर से इंदाैर के लिए रवाना हुई इंटरसिटी काे शिवपुरी में राेकना पड़ा है। क्याेंकि शिवपुरी में जारी भारी बारिश के कारण ट्रेन की पटरियां पूरी तरह से पानी में डूब गई हैं। इसी प्रकार कई अन्य ट्रेने बारिश के कारण छाेटे स्टेशनाें पर राेकी गई हैं। उधर इंटरसिटी के यात्री रात से ट्रेन में फंसे हुए हैं, जिससे लाेगाें काे खासी परेशानी भी झेलना पड़ रही है।
दतिया में हालात खराबः सोमवार को मणिखेड़ा डेम से लगभग 10000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद सनकुआ धाम पर सुबह 4:00 बजे से जल स्तर तेजी से बढ़ गया। प्रशासन ने अलर्ट जारी करने के साथ ही आसपास के गांवाें के लाेगाें काे नदी से दूर रहने की चेतावनी भी दे दी। मंगलवार को सनकुआ धाम पर प्राचीन छोटा पुल, काली माता मंदिर व सनकुआ कुंड समेत 2 दर्जन से अधिक छोटे-बड़े मंदिर सिंध नदी के जल से डूब गए। वहीं रतनगढ़ माता मंदिर स्थित सिंध नदी के तट पर स्टीमर भी बहकर आ गया।
हरसी ओवरफ्लाे, साठ गांव में भरा पानीः हरसी डेम में पानी ओवरफ्लो हाेने के कारण भितरवार क्षेत्र के 50 से 60 गांव प्रभावित हुए हैं। यहां 24 गांव ऐसे हैं, जिनमें पानी भर गया है। इन गांवों को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। इधर भितरवार नगर के वार्ड 4, 5, 13 और 15 में पानी भर गया है। लोगों के घरों का सामान पानी में तैरने लगा है। पवाया पंचायत मानपुर गांव में 25 से 30 लोग पानी में फंसे थे, जिनको रेसक्यू करके बाहर निकाला गया। मौके पर एडीएम रिंकेश वैश्य भी पहुंच गए हैं। आपदा प्रबंधन टीम पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है। प्रशासन ने गांवों को खाली करा दिया है।
श्याेपुर में हालत खराब, लाेग इंटरनेट मीडिया पर मांग रहे मददः शिवपुरी से सटा श्याेपुर इलाका भी बाढ़ की चपेट में है। यहां पर दाे दिन से हालात काफी खराब हैं। लाेगाें के घराें व दुकानाें में पानी भर गया है। लाेग बाढ़ में फंस गए हैं। आज सुबह श्याेपुर से एक परिवार ने वीडियाे इंटरनेट मीडिया पर पाेस्ट किया है। जिसमें हर तरफ पानी भरा दिखाई दे रहा है। इस परिवार ने इंटरनेट मीडिया पर मदद की गुहार भी लगाई है।
ग्वालियर काे मिली राहतः ग्वालियर चंबल अंचल के लिए भले ही बारिश परेशानी का सबब हाे, लेकिन ग्वालियर शहरी क्षेत्र के लाेगाें काे इससे बड़ी राहत मिली है। क्याेंकि शहर की पेयजल की आपूर्ति करने वाला तिघरा बांध तेजी से भरना शुरू हाे गया है। तिघरा का जलस्तर बढ़कर 725.20 फीट हाे गया है। यदि इसी प्रकार बारिश जारी रही ताे जल्द ही तिघरा के भरने की उम्मीद जताई जा रही है। तिघरा के भरने से शहर काे पेयजल संकट से राहत मिल जाएगी।