पीएम आवास पर कितने पैच बैहर तहसील के गढ़ी क्षेत्र की हर पंचायत की यही परेशानी, कही 2 वर्ष से पूरे नही हुए पीएम आवास योजना के मकान !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज़)। केंद्र सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना में से एक, हर गरीब के सिर पर पक्की छत का वादा कर सरकार ने पीएम आवास योजना शुरू की। निश्चित ही योजना का लाभ गरीब तबके को मिला। लेकिन बालाघाट जिले के बैहर तहसील के वनांचल क्षेत्र में बसे गढ़ी की 23 पंचायतो की कहानी कुछ अलग है। यहां पीएम आवास के नाम पर अधिकांश हितग्राही स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं? पद्मेश न्यूज़ ने मैदानी स्तर की हकीकत जानने और हितग्राहियों की परेशानी को उजागर करने के लिए जब गढ़ी क्षेत्र की मुख्य पंचायत गढ़ी से लेकर जिले के अंतिम छोर पर बसी पंचायत तक का दौरा किया तो हर जगह एक ही तरह की परेशानी हितग्राहियों की जुबां पर थी।
आवास बना पैसा नहीं मिला- रूपलाल
हट्टा पंचायत के निवासी रूपलाल झारिया बताते है कि  पीएम आवास योजना में मुख्यत: तीन तरह की परेशानी है। पहली परेशानी आवास जिनके बने उन्हें अंत में मिलने वाली मजदूरी का पैसा 18 हजार प्रति आवास नहीं दिया गया। हितग्राहियों के अनुसार यह परेशानी एक दो लोगों की नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों की बताई जा रही है।
किस्त समय पर नहीं मिल रही-भगवती
संझारी निवासी भंवती बताती है कि पीएम आवास योजना की दूसरी सबसे बड़ी परेशानी बीते 2 से 3 वर्षों के दौरान स्वीकृत हुई आवास कि किस्त समय पर नहीं मिली या स्वयं हितग्राही अपनी परेशानी बता रहे हैं।
कब मिलेगा आवास का लाभ- किरण
संझारी निवासी किरण बताती हैं कि बीते कई वर्षों से उनके द्वारा पीएम आवास के लिए आवेदन किया जा रहा है लेकिन सचिव और सरपंच की मेहरबानी उन पर नहीं हो रही।  नतीजा उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा।
आवास मतलब परेशानी- राम सिंह
संझारी निवासी राम सिंह घुमकेती,  निवासी संझारी बताते है कि पीएम आवास को लेकर परेशानी इतनी ही तो इससे भी कहीं ज्यादा है गढ़ी मुख्यालय से लेकर कोयली खापा, हटा पंचायत, संझारी गाँव तक एक जैसी परेशानी है कि बीते 2 से 3 वर्ष के दौरान 1 सैकड़ा से भी अधिक मकान ऐसे हैं जो पूरे नहीं हुए हैं। किसी की छत ढली तो किसी की चारदीवारी खड़ी हुई, लेकिन कहानी यही की मकान पर हितग्राहियों का नाम चस्पा कर दिया गया।  
आवास में अनियमितता-ललिता
लंबे समय तक कोयली खापा की सरपंच रह चुकी ललिता धुर्वे  बताती है कि गढ़ी क्षेत्र में आवास के नाम पर जितने भ्रष्टाचार हो सकते हैं जितनी अनियमितता लापरवाही हो सकती है सबकुछ बरती जा रही है। बावजूद इसके कोई अधिकारी या बड़ा जनप्रतिनिधि इसके लिए आवाज़ उठाता, इसलिए हितग्राही परेशान है और इस योजना में रेवड़ी बटोरने वाले पैसों की बंदरबांट कर रहे हैं।
हर पंचायत की यही स्थिति

अधूरे मकानों की कहानी के विषय में आपको पूरी और विस्तृत जानकारी बताते हैं कि गढ़ी मुख्यालय में ही पीएम आवास की एक कॉलोनी बनाए जाने की योजना बनाई गई। 2 दर्जन से अधिक आवास स्वीकृत कराए गए, लेकिन वर्षो बीत जाने के बाद आज स्थिति यह है कि आवास के बाहर हितग्राहियों के नाम चस्पा कर दिए गए हैं लेकिन आवास अधूरे हैं और इनमें कोई रहने नहीं आया।
जांच करवाई जाएगी-सीईओ
पद्मेश न्यूज से चर्चा के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमा माहेश्वरी गढ़ी क्षेत्र में पीएम आवास को लेकर अनियमितता पर पूरी जांच करवाए जाने की तैयारी कर रही है। जिससे हितग्राहियों को हो रही परेशानी जल्द से जल्द दूर हो जाए।

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