बालाघाट : विधि-विधान से मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस एक तीर एक कमान, सभी आदिवासी एक समान के उद्घोष से गूंजा शहर, सर्व आदिवासी संगठन के द्वारा आयोजित किए गए विविध आयोजन !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। जिले भर में विश्व आदिवासी दिवस सर्व आदिवासी समाज संगठन के द्वारा धूमधाम से मनाया गया नगर में इस अवसर पर आदिवासी समाज संगठनों के द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई जहां सुबह 9 बजे गोंगो पूजा कर वीरांगना रानी दुर्गावती के कार्यों को याद किया गया इसके पश्चात वीरांगना रानी दुर्गावती चौक से विशाल रैली का आयोजन किया गया यह रैली नगर के विभिन्न मार्गो का भ्रमण कर कमला नेहरु सभागृह में संपन्न हुई। रैली के दौरान संगठन के पदाधिकारियों के द्वारा शहर के तमाम चौक चौराहों में स्थापित महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।जहां पर संगठन पदाधिकारियों के द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासियों के अधिकारों पर चर्चा कर आवश्यक जानकारी दी गई।
आदिवासी समाज के लिए पार्टीगत  राजनीति सबसे घातक -भुवनसिंह
सर्व आदिवासी समाज संगठन के संयोजक भुवन सिंह कुर्राम ने बताया कि 9 अगस्त को पूरे देश में आदिवासियों के अधिकारों के जन जागरण को लेकर विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के तहत जो भी कार्यक्रम आयोजित किए गए उनमें शासन की गाइडलाइन का जाएं एक और पालन किया गया वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम को वृहद रूप न देते हुए छोटा रूप दिया गया है उन्होंने बताया कि 1994 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 192 देशों की बैठक में निर्णय लेते हुए विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को मनाए जाने पर मंजूरी दी थी उन्होंने कहा कि देश में लगभग 85 प्रतिशत आदिवासी बैगा समाज के लोग निवास करते हैं लेकिन इसके बावजूद आज तक उन्हें संवैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं हो पाए हैं।
आदिवासी विकास परिषद ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस
इसी तरह मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद के द्वारा गर्रा मार्ग स्थित वीरांगना रानी दुर्गावती सामुदायिक भवन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर ही हीरासन उईके संगठन जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे सहित अन्य पदाधिकारी और बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु मौजूद रहे जहां महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर मुख्य अतिथियों का स्वागत किया गया इसके पश्चात मंचासीन पदाधिकारियों के द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए ।
शासन आदिवासी क्षेत्रों का ध्यान रखें-फिरोजा खान
समाज को संबोधित करते हुए मानव अधिकार आयोग की जिला संयोजिका फिरोजा खान ने कहा कि वर्तमान में आदिवासी समाज के लोगों के उत्थान को लेकर कारगर कदम उठाने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि अब भी आदिवासी अंचलों में रहने वाले आदिवासी समाज के लोग विकास की धारा से कोसों दूर है उन्होंने कहा कि जिस तरह से कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना है तो उन्होंने कहा कि शासन को आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि कोई भी आदिवासी परिवार भूखे ना रह पाए। उद्बोधन की श्रंखला के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें नन्हे-मुन्ने बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी कार्यक्रम के अंत में प्रतियोगियों को मंच के माध्यम से पुरस्कृत किया गया वहीं कार्यक्रम में पधारे पदाधिकारियों को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आदिवासियों को सरकारी योजना का नहीं मिल पा रहा लाभ- दिनेश धुर्वे
इस संदर्भ में चर्चा के दौरान आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने बताया कि विगत 10 वर्षों से निरंतर विश्व आदिवासी दिवस जिले भर में मनाया जा रहा है छत्तीसगढ़ में 2011 में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी जिसको देखते हुए जिले में भी छोटे स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया लेकिन इन गुजरे सालों में जहां एक और संगठन मजबूत हुआ है वहीं दूसरी ओर आदिवासी समाज की विभिन्न समस्याएं के निराकरण को लेकर भी संगठन के द्वारा सकारात्मक कदम उठाए गए हैं 1994 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया था तब से लगातार 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस सर्व आदिवासी समाज संगठन के द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है वहीं वर्तमान में आदिवासी समाज की समस्या के संदर्भ में उन्होंने कहा आदिवासियों ने पर्यावरण की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है लेकिन वर्तमान में जिस तरह से वनों का दोहन हो रहा है फैक्ट्रियां लगाई जा रही हैं इससे आदिवासियों को किसी तरह का लाभ नहीं मिल पाया है आज भी बेरोजगार के लिए भटक रहे हैं आदिवासियों के लिए शासन के द्वारा जितनी भी योजनाएं संचालित की जा रही है जमीनी स्तर पर यह अब तक शून्य साबित हुई है।
इनकी रही उपस्थिति

वीरांगना रानी दुर्गावती सामुदायिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख तौर पर सिविल जज पुष्पा तिलगाम डॉ पुष्पा धुर्वे मानव अधिकार आयोग संयोजिका फिरोजा खान सहित अन्य पदाधिकारी और बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु उपस्थित रहे।

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