भोपाल, जबलपुर में भारी बारिश की संभावना, जानिये बाकी जिलों का हाल

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बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ा सिस्टम वर्तमान में उत्तरी छत्तीसगढ़ और उससे लगे मध्यप्रदेश पर अवदाब के रूप में सक्रिय है। गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। मानसून ट्रफ नलिया, गुजरात, इंदौर, होशंगाबाद से छत्तीसगढ़, ओडीशा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। एक अन्य ट्रफ भी मानसून ट्रफ के सामानांतर अरब सागर से बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन चार वेदर सिस्टम के सक्रिय रहने से बुधवार को पूरे मप्र में बौछारें पड़ने के आसार हैं। जबलपुर, भोपाल, सागर, होशंगाबाद संभागों में कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। बारिश का सिलसिला शुक्रवार तक जारी रहने की संभावना है।

मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक इंदौर में 18.4, धार में 16, सीधी में 12, रतलाम में 10, सतना में आठ, दमोह में आठ, पचमढ़ी में सात, खजुराहो में छह, बैतूल में पांच, रीवा में पांच, रायसेन मे चार, सागर में दो, खरगोन में दो, भोपाल (शहर) में 1.6, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद में 0.4, जबलपुर में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई। राजधानी का अधिकतम तापमान 30.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य रहा। न्यूनतम तापमान 24 डिग्रीसे. रिकार्ड किया गया। यह सामान्य से दो डिग्रीसे. अधिक रहा।

गहरे कम दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ और उससे लगे मप्र में बना अवदाब का क्षेत्र बुधवार को गहरे कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर मप्र में प्रवेश करेगा। इसके अतिरिक्त अलग-अलग स्थानों पर बने तीन वेदर सिस्टम के प्रभाव से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से बड़े पैमाने पर नमी आ रही है। जो प्रदेशभर में बारिश कारवाएगी।

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