गोंदिया-बालाघाट से जबलपुर के बीच ब्राडग्रेज निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद से ही उत्तर व दक्षिण की ओर जाने वाली मालगाड़ियों का आवागमन शुरु हो गया है। इसके साथ ही मालगाड़ियों के गुजरने के दौरान रेलवे फाटक बंद होने से लगने वाला जाम भी आम हो गया है। इससे छुटकारा पाने के लिए लोग जहां ओवर ब्रिज की मांग कर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करने लगे है। गुरुवार की दोपहर भी ऐसा ही नजारा सरेखा रेलवे फाटक पर उस वक्त देखने मिला जब बालाघाट रेलवे स्टेशन से गोंदिया के तरफ जा रही मालगाड़ी को पास कराने के लिए फाटक बंद किया गया था लेकिन ट्रेन फाटक पर ही खड़ी हो गई। जिसके चलते न सिर्फ सरेखा रेलवे फाटक पर जाम लग गया बल्कि बैहर रेलवे फाटक पर भी आवागमन प्रभावित रहा।नासूर बन गया सरेखा का जाम, कितना होंगे परेशानसरेखा रेलवे फाटक पर जाम में फंसे लोग जहां प्रशासन व जनप्रतिनिधियों पर आक्रोश व्यक्त करते नजर आए कि इतने वर्षो बाद भी सरेखा रेलवे फाटक, बैहर रेलवे फाटक व भटेरा रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज नहीं बन पाया है। यहां जाम में फंसे राहगीरों ने बताया कि ये रोजाना की आदत हो चुकी है लेकिन जिले के नेताओं को इस बात से फर्क ही नहीं पड़ता है कि जाम में फंसकर लोग परेशान हो रहे है। उन्होंने कहा कि ये जनप्रतिनिधियों की ही नाकामयाबी का नतीजा है कि लोगों को इस तरह से परेशान होना पड़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि सरेखा रेलवे फाटक अब नासूर बनता जा रहा है।यात्री ट्रेन चलेगी तो होगी मुश्किलजाम के दौरान राहगीरों ने बताया कि वर्तमान समय में इस मार्ग से सिर्फ मालगाड़ी की ही आवागमन हो रहा है तो जाम की स्थिति रोजाना हो रही है और लोग घंटों जाम में फंसकर परेशान हो रहे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में गया-चैन्नाई एक्सप्रेस शुरु है और आगामी समय में बहुत से यात्री ट्रेने इस रुट से गुजरने वाली है। ऐसी स्थिति में सरेखा रेलवे फाटक पर 24 घंटे ही जाम की स्थिति निर्मित रहेगी और लोग इस मार्ग से कामकाज नहीं कर पाएंगे।ओवरब्रिज न सही अंडरपास ही बना दिया जाएकरीब पौन घंटे के जाम से परेशान होने के बाद ट्रांसपोर्ट यूनियंस के पदाधिकारियों ने जाम को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। यहां यूनियन के पदाधिकारी अविनाश ठाकुर समेत अन्य ने कहा कि सालों से ओवरब्रिज निर्माण का सपना दिखाया जा रहा है लेकिन हकीकत में जिलेवासियों को कुछ भी नहीं मिला है। उन्होंने कि जब ओवरब्रिज निर्माण नहीं कर पा रहे है तो एक अंडरपास ही बना दिया जाए जिससे कि फाटक बंद होने पर जाम की स्थिति से छुटकारा मिल सके। उन्होंने कहा कि सरेखा से मोती नगर चौक तक जाने के लिए एक अंडरपास की आवश्यकता है और ये 50 से 60 लाख की राशि से निर्मित हो सकता हैं।