हमारे पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इतने अंतिम संस्कार हुए

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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रभाव बालाघाट जिले के भीतर मार्च महीने के अंत से दिखाई देने लगा प्रदेश शासन ने 10 अप्रैल को 2 दिन का लॉकडाउन किया जिसके बाद 12 अप्रैल से लगातार बालाघाट जिले की भीतर और बाहर लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के आंकड़े में इजाफा होता गया। हमारे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार 12 अप्रैल से लेकर 1 मई 20 दिन के भीतर 401 के अंतिम संस्कार बालाघाट जिले के भीतर किए गए हैं।

हालांकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले के भीतर पूरे 1 वर्ष के दौरान मात्र 39 लोगों की मृत्यु कोरोना से हुई है।

आपको यह बता दे कि जिले के सरकारी कर्मचारियों की मौत का आंकड़ा भी इससे कहीं अधिक है जिन्हें सरकार कोरोना योद्धा सम्मान देने की बात कर रही है।

उपरोक्त आंकड़ा जो हम आपको बता रहे हैं वह हमारी जानकारी के अनुसार है क्या आंकड़ा और भी अधिक हो सकता है जिसमें ग्रामीण अंचलों और बालाघाट जिले के बाहर जबलपुर, रायपुर नागपुर, गोंदिया में मृत व्यक्तियों की संख्या को जोड़ दिया जाए।

उससे भी कहीं ज्यादा बालाघाट जिला मुख्यालय में रात के अंधेरे देर रात को हुए अंतिम संस्कार की संख्या यदि सही रूप में शामिल कर दी जाए आंकड़ा कुछ और दिखाई देगा।

आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में महामारी से मृतकों की संख्या पर जितना पर्दा डालने की कोशिश किया है वह सब कुछ हमने कई बार बेपर्दा कर दिया है।

अकेले शिक्षा विभाग और उससे जुड़े उनके परिजनों की मौत का आंकड़ा ले लिया जाए वह 1 सैकड़ा से अधिक पहुंच जाएगा इसी तरह ऐसे कई विभाग है जहां पर एक से अधिक कर्मचारियों की मौत हुई है जिसमें स्वयं स्वास्थ्य विभाग लोक निर्माण विभाग बालाघाट शामिल है।

संक्रमण काल समाप्त होने के बाद जब हम घरों के बाहर निकलेंगे तब हमें और भी अधिक जानकारी मिलेगी कि इस संक्रमण के दौर में हमने और किसे खो दिया।

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