3 लाख 84 हजार रु की लागत से बनाया गया तालाब हुआ गायब?

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जनपद पंचायत बालाघाट के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सकरी में 3 लाख 82 हजार की लागत से बनाकर तैयार किए गए लघु तालाब का निरीक्षण करने टीम जब मौके पर पहुंची तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई ।क्योंकि सरकारी कागजो में जहा 3 लाख 82 हजार रुपए की लागत से लघु तालाब का निर्माण कराना दर्शाया गया। वहां से तालाब ही गायब था। जहां तालाब की जगह खेत दिखाई दे रहा था। जिस पर टेक्निकल टीम मौके स्थल का निरीक्षण करते हुए तालाब का निर्माण न करने और शासन की राशि की हेरा फेरी किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्माण कार्य की जांच की और इस जांच में उन्होंने ग्राम पंचायत सकरी के जिमेदारो को दोषी पाते हुए मामले में रिकवरी निकालने सहित दोषियो पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की बात कही है।

क्या है पूरा मामला
बताया जा रहा है कि जनपद पंचायत बालाघाट के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सकरी में लघु तालाब का निर्माण करने हेतु हितग्राही तोपेश को स्वीकृति प्रदान की गई थी। जहां पर लघु तालाब के नाम पर सहायक सचिव अनीता पारधी की साठ, गाठ से शासन के 3 लाख 82 हजार का बंदर बाट कर खेत को समतल कराया गया है। जिसकी शिकायत किसी ने जनपद पंचायत में की थी वहीं मामले की जांच कर दोषियो पर कार्यवाही किए जाने की गुहार लगाई थी।जहां सकरी पंचायत में हुए मनरेगा के तहत इस लघु तालाब निर्माण कार्य की शिकायत मिलने जनपद पंचायत बालाघाट से मनरेगा अधिकारी दुर्गेश तिवारी सहित टेक्निकल टीम तालाब का निरीक्षण करने पहुंची। जहां इस टीम के मौका स्थल पर पहुंचते ही उनके होश उड़ गए। जिन्होंने जांच में पाया की रोजगार सहायक एवं हितग्राही द्वारा मिलकर तालाब के नाम खेत को समतल करवा लिया है। जहां सरकारी कागजों में तो तालाब का निर्माण कार्य दिखा दर्शाया गया है लेकिन मौके पर तालाब ही नहीं है। जिस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए टेक्निकल टीम ने ग्राम पंचायत सकरी को दोषी मानते हुए मामले में वैधानिक कार्यवाही किए जाने की बात कही है।

इंजीनियर बनोटे एवं रोजगार सहायक अनीता पारधी दोषी सिद्ध
बताया जा रहा है ग्राम पंचायत सकरी की सहायक सचिव अनीता पारधी जो की पहले से ही विवादों में रही है जहां पर ग्रामीणों के द्वारा पूर्व में भी आरोप लगाए गए हैं कि शासकीय राशि का बंदर बाट करके सहायक सचिव अपनी मनमानी कर रही हैं अब सहायक सचिव का नया कारनामा सामने आया है जहां पर शासन द्वारा स्वीकृत लघु तलाब को हितग्राही एवं इंजीनियर के साथ मिलकर मनरेगा जैसी योजना को पलीता लगाने का कार्य किया गया है हालांकि टेक्निकल टीम के द्वारा जांच में दोषी रोजगार सहायक एवं इंजीनियर बनोटे पर क्या कुछ कार्रवाई जनपद के अधिकारियों के द्वारा की जाती है फ़िलहाल यह स्पष्ट नही हो पाया लेकिन शिकायतकर्ता द्वारा संतुष्टि पूर्ण कार्रवाई नहीं होने पर मामले की शिकायत संभागीय कमिश्नर से करने और पंचायत से लेकर जनपद के अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराने की बात कही गई है।

दोषियो पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी- तिवारी
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान बालाघाट जनपद मनरेगा अधिकारी तिवारी ने बताया कि जनपद में शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी टेक्निकल टीम के द्वारा मौके स्थल पर जांच किया गया यह कार्य जो खेत तालाब के नाम से स्वीकृत किया गया था परंतु मौके पर पाया गया कि यहां पर खेत तालाब नहीं है 3 लाख 82 हजार हितग्राही तोपेश को लघु तालाब बनाने हेतु स्वीकृति दी गई थी परंतु जांच में पाया गया कि तालाब के नाम पर खेत को समतल किया गया है उचित जांच कर दोषियों से राशि रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी ।

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