जगत जननी माता जगदम्बा आदिशक्ति का पर्व चैत्र नवरात्र पूरे क्षेत्र में श्रध्दा भक्तिभाव के साथ मनाया गया। पर्व के अंतिम दिन नवमीं पर १७ अप्रैल को माता मंदिरों व अपने-अपने घरों में स्थापित ज्योति कलशों एवं जवारों का भक्तजनों ने माँ के जयकारों के साथ स्थानीय नदी-तालाब में विसर्जन कर माता-रानी से क्षेत्र में शांति व सुख समृध्दि बनाये रखने की प्रार्थना की। इसी कड़ी में नगर मुख्यालय स्थित माँसतबहनी मंदिर में पिछले नौ दिनों से पूजा-अर्चना के पश्चात स्थापित ज्योति कलश व ज्वारे को विसर्जित करने के लिये भक्तों के द्वारा १७ अप्रैल को प्रात: ११ बजे मंदिर प्रांगण से धूमधाम से डीजे की धून व आकर्षक झांकियों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए बड़ा तालाब के विसर्जन घाट पहुंची जहां पं. संजय दुबे के द्वारा विधिवत पूजन अर्चन करवाकर आरती संपन्न होने के पश्चात जवारों व कलशों का विसर्जन किया गया एवं शाम ७ बजे से नवयुवक भंडारा समिति के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। इस शोभायात्रा में बुलबुल दुबे, ओमी रजक, दिव्या नामदेव, अनन्या शांडिल्य, नैना स्वामी, पूर्वी गुप्ता ने माँ सतबहनी माता, अंकिता बोरकर ने भगवान राम, निकिता बोरकर ने लक्ष्मण, खुशी अवधिया ने माता सीता, अवीन सोनी ने हनुमान की भूमिका अदा की और इस कलश यात्रा में देवी-देवताओं के जीवंत झांकिया आकर्षण का केन्द्र रही। माँ सतबहनी मंदिर के सदस्य शैलेष केकती ने बताया कि गत ९ अप्रैल को ६५ कलश व जवारे बोकर माता-रानी की आराधना की गई एवं १७ अप्रैल को मंदिर से कलशों की शोभायात्रा निकालकर जवारे विसर्जित किया गया एवं शाम में नवयुवक भंडारा समिति के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। श्री केकती ने बताया कि इस नौ दिवसीय चैत्र नवरात्र पर्व पर क्षेत्रीय श्रध्दालुजन माता-रानी के दरबार के पहुंचकर पूजा पाठ कर धर्म लाभ अर्जित किये और माता-रानी से प्रार्थना करते है कि सभी के जीवन में खुशहाली बनाये रखे।