वर्ष 2024 में मौसम की बेरुखी, औऱ प्रतिमाह आए मौसम में बदलाव के चलते लुढ़का पारा अब धीरे धीरे बढ़ने लगा है।जिसके चलते जिला मुख्यालय सहित अन्य तहसील व ग्रामीण अंचलों में गर्मी का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां तापमान में पिछले दिनों की अपेक्षा रोजाना इजाफा देखने को मिल रहा है। लगातार बढ़ते जा रहे इस तापमान के चलते अब लोग हलकान होने लगे हैं वही लोग कूलर और पंखे की बिना नहीं रह पा रहे हैं। आपको बताए कि कुछ दिनों पूर्व मौसम का मिजाज नरम गरम बना हुआ था लेकिन अब गर्मी लगातार अपने पांव पसार रही है जिसके चलते दिन और रात दोनों गर्म होने लगे हैं। नगर में मंगलवार और बुधवार की तरहा गुरुवार को भी तापमान में उछाल देखा गया। जहां गर्म हवाओं के बीच शहर का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। वहीं मौसम विभाग ने आगामी एक सप्तहा तक मौसम के कुछ इसी तरह बने रहने,बढ़े हुए तापमान के बीच लू भरी हवाए चलने की आशंका जताई है
भीषण गर्मी का हो रहा एहसास
शहर का तापमान इन दिनों लगातार बढ़ रहा है और रोजाना ही गर्मी में वृद्धि देखी जा रही है लगातार बढ़ती जा रही धूप से निजात पाने के लिए लोग टोपी चश्मा का सहारा ले रहे हैं वहीं अब लोग धूप से बचने के लिए दुपट्टे से मुंह बांधकर घर से निकल रहे हैं। वही ज्यादातर लोग दोपहर के वक्त अपने घरों या कार्यालयों में रहने को मजबूर हैं, दोपहर के वक्त नगर के मुख्य मार्गों में सन्नाटा नजर आ रहा है ।वही दोपहर में जरूरी काम से निकलने वाले लोग सड़कों के किनारे लगे वृक्ष की छाया का सहारा ले रहे हैं ।तापमान में वृद्धि होने के कारण शाम 4 बजे के बाद धूप कम होने पर शहर की सड़कें, बस स्टैंड, बाजार व अन्य स्थानों में लोगों की चहल पहल देखी जा रही है।जहा धूप से बचने के लिए लोग सुबह और शाम में ही घर से निकलना पसंद कर रहे हैं।
कूलर खस और मटको की सजने लगी दुकाने
तापमान में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए अब शहर के विभिन्न स्थानों में गरीबों की फ्रिज कहे जाने वाले लाल काले मटके, सुराही सहित कूलर में लगने वाली खस की दुकानें सजने लगी है। वही रसीले फलों की आवक भी तेज हो गई है। गर्मी के आगमन को देखते हुए पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष भी कूलर खस और ठंडे मटको के दाम में दुगुना इजाफा देखा जा रहा है शहर के विभिन्न चौक चौराहों लगी दुकानों में अब तक 60 से 80 रु तक बिकने वाले मटके 100 से 120 रु तक बेचे जा रहे है तो वहीं 40 से 50 रु किलो में बिकने वाली कूलर खस 100 से 110 रु किलो तक बिक रही है।हालांकि इसकी मांग में फिलहाल उठाव नही आया है जिसकी वजह हनीकॉम पैड की आवक बताई जा रही है।जहा हनीकॉम पैड के चलते कूलर में लगने वाली खस औऱ उडुल जड़ आदि की बिक्री काफी कम हो गई है।
पेयजल पदार्थों की बढ़ी मांग
जैसे जैसे तापमान में इजाफा हो रहा है वैसे वैसे शहर में शीतल पेयजल की मांग भी बढ़ने लगी है कोल्ड ड्रिंक ठंडी पानी की बोतल पानी पाउच ठंडाई मॉकटेल सहित अन्य शीतल पेयजल की मांग में वृद्धि देखी जा रही है साथ ही शहर के शासकीय अर्ध शासकीय व निजी कार्यालयों में पानी केन की सप्लाई में इजाफा हुआ है।
हनीकॉम पैड के चलते ग्राहकी नही है- गुड्डु बंशकार
इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान खस विक्रेता गुड्डु बंशकार ने बताया कि वे करीब 18- 19 वर्षों से कूलर खस बेचने का काम कर रहे हैं वर्तमान समय में 100से120 किलो उडुल खस बेची जा रही है वहीं 200 से 220 रुपए चटाई का सेट बना कर दिया जा रहा है। वर्तमान समय में खस की मांग कम है। लोग सिर्फ पूछने के लिए आते हैं।उन्होंने बताया कि इस वर्ष महंगाई बढी है पहले खस के बंडल का भाड़ा 80 से 100रु लगता था लेकिन अब डीजल महंगा होने के कारण खस के बंडल का भाड़ा100 से 150 रु तक लग रहा है।पहले 40 से 50 रु किलो खस बिकती थी अब वही खस 100 से 110 रु किलो हो गई है। जिसमें सभी खस विक्रेताओं को काफी नुकसान हो रहा है।हमें उम्मीद है थी कि भीषण गर्मी में जल्द खस की मांग में उछाल आएगा। लेकिन आज कल हनीकॉम पैड का चलन बढ़ गया है।इसलिए हमारी खस की बिक्री घट चुकी है।अब तक इस काम के भरोसे घर पालना भी मुश्किल हो रहा है।