चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के बीच पेयजल के साथ-साथ अब रसीले फलों की डिमांड भी काफी बढ़ गई है जहां रसीले फलों की इस भारी मांग को देखते हुए बाजार में बेमौसम फलों की भरमार है जहां एक से बढ़कर एक लज्जतदार फल बाजारों की शोभा बढ़ा रहे हैं जो ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।
लेकिन इन दिनों बाजार में बिकने वाले फलों को खा कर आप भी अपनी सेहत बनाने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि इन दिनों बाजारों में बिकने वाले बेमौसम ज्यादातर फल, घातक केमिकल और इंजेक्शन से तैयार किए जा रहे हैं जो आपकी सेहत बनाने की जगह आपकी सेहत बिगाड़ भी सकते है।
मांग बढ़ते ही कच्चे फलों को तेजी से पकाने के लिए बहारी राज्यो के फल व्यापारियों ने सेहत बिगाड़ने के लिए घातक केमिकल और पाउडर का उपयोग शुरू कर दिया है। आम के साथ ही अन्य फलों को पकाने के लिए प्रतिबंधित पदार्थों का उपयोग हो रहा है। घातक केमिकल का उपयोग कर फल पकाने वालों के खिलाफ अब तक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।
इस पूरे मामले को लेकर जब हमने फल खरीद कर खा रहे उपभोक्ताओ से बात की तो फल उपभोक्ता प्रकाश गुरबेले और अन्य उपभोक्ताओं ने भी बेमौसम रसीले फल बाजार में आने और उन फ़लों को केमिकल से पकाने की बात स्वीकार की है
वहीं पूरे मामले को लेकर जब हमने फल विक्रेता नफीस खान से बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि बाजार में बिकने वाले ज्यादातर फ़ल केमिकल और इंजेक्शन से पकाए जा रहे हैं उन्होंने बताया कि शहर का कोई भी व्यापारी केमिकल और इंजेक्शन से फल पकाने का काम नहीं करता है बल्कि यह फल जिन राज्यों से आयात किए जाते हैं उन राज्यों से ही केमिकल में पके हुए फल आ रहे हैं
जिला अस्पताल आरएमओ डॉक्टर अरुण लांजेवार ने बताया कि शहर में बेमौसम फलों की बिक्री काफी बढ़ गई है जो केमिकल अथवा इंजेक्शन से पका कर बेचे जा रहे हैं इन्हें खाने से उपभोक्ताओं ने परहेज करना चाहिए ,क्योंकि इनके उपयोग करने से विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।










































