ICC ने कहा- मैच ड्रॉ या टाई रहने पर दोनों टीमों को संयुक्त रूप से विजेता माना जाएगा; ग्रेड-1 ड्यूक बॉल से होगा टेस्ट

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भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 जून से होने वाले पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल को लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने अपना फैसला सुना दिया है। ICC का कहना है कि मैच ड्रॉ या टाई रहने पर इसका फैसला अलग से नहीं किया जाएगा, बल्कि दोनों टीमों को संयुक्त रूप से विजेता माना जाएगा। फाइनल साउथैंप्टन के द एजिस बाउल मैदान पर 18 से 22 जून के बीच खेला जाएगा।

23 जून को रिजर्व डे के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा
ICC ने इससे पहले फाइनल के लिए रिजर्व डे की भी घोषणा की थी। काउंसिल ने कहा था कि बारिश से बाधित हुए समय के लिए 23 जून को रिजर्व डे के तौर पर रखा जाएगा। इससे हम 5 दिन का खेला पूरी तरह से करवा सकेंगे। इसका इस्तेमाल किसी कारणवश 5 रेगलु दिन में समय खराब होने पर ही किया जाएगा। अगर 5 रेगुलर डे में ही हार, जीत, ड्रॉ या टाई का फैसला निकलता है, तो रिजर्व डे में मैच नहीं जाएगा। यह फैसला 2018 में टेस्ट चैंपियनशिप शुरू होने से पहले ही लिया गया था।

रेफरी 5वें दिन करेंगे रिजर्व डे को लेकर फैसला
ICC ने बताया कि रिजर्व डे को लेकर रेफरी फैसला लेंगे। वे समय को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत होने पर दोनों टीम और मीडिया को इसके बारे में जानकारी देंगे और बताएंगे कि रिजर्व डे को किस प्रकार इस्तेमाल किया जा सकता है। रिजर्व डे होगा या नहीं और कितनी देर का होगा, इसके बारे में रेफरी रेगुलर डे के 5वें दिन मैच खत्म होने से एक घंटे पहले बताएंगे।

ग्रेड-1 ड्यूक बॉल से खेला जाएगा फाइनल
भारत और न्यूजीलैंड के बीच फाइनल ग्रेड-1 ड्यूक बॉल से खेला जाएगा। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में इसी बॉल से मैच खेला जाता है। जबकि, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका जैसे देशों में SG बॉल का इस्तेमाल होता है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में मैच के लिए कूकाबुरा बॉल का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही ICC ने यह भी स्पष्ट किया है कि फरवरी में डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) और अंपायर्स कॉल को लेकर लिए गए फैसले फाइनल में भी जारी रहेंगे।

DRS और अंपायर्स कॉल के नियम जारी रहेंगे
भारत का ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में DRS काफी विवादों में रहा था। इसमें LBW पर अंपायर्स कॉल को लेकर काफी सवाल उठे थे। साथ ही DRS के नियम पर दोबारा विचार करने की भी मांग उठी थी। इस पर ICC ने मार्च में अंपायर्स कॉल को जारी रखने का फैसला किया था।

ICC क्रिकेट कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुंबले ने कहा था कि DRS का मतलब मैच के दौरान होने वाले गलतियों को सही करना है। इसमें मैदान पर अंपायर के फैसले को तवज्जो दी गई है। अंपायर्स कॉल का यही रोल है।

DRS में LBW रिव्यू के नियमों में बदलाव किए गए
इसके साथ ही ICC क्रिकेट बोर्ड और क्रिकेट कमेटी ने DRS में LBW रिव्यू के नियमों में कुछ बदलाव किए। नए नियम के मुताबिक LBW के रिव्यू के लिए विकेट जोन की ऊंचाई को बढ़ाकर स्टंप के सबसे ऊपरी छोर तक कर दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब रिव्यू लेने पर बेल्स के ऊपर तक की ऊंचाई पर गौर किया जाएगा।

नए नियम से विकेट जोन की ऊंचाई बढ़ जाएगी
अगर बॉल का 50% हिस्सा बेल्स के सबसे ऊपरी हिस्से को मिस कर रहा होगा, तो उसे अंपायर्स कॉल दिया जाएगा। वहीं, पहले के नियम में बेल्स के निचले हिस्से तक की ऊंचाई पर गौर किया जाता था। यानी अगर बॉल का 50% हिस्सा बेल्स के सबसे निचले हिस्से को छू रहा है, तो अंपायर्स कॉल होता था। नए नियम से विकेट जोन की ऊंचाई बढ़ जाएगी।

LBW रिव्यू लेने से पहले खिलाड़ी अंपायर से पूछ सकेगा
दूसरा बदलाव भी ICC ने LBW के ही रिव्यू को लेकर किया। इसके मुताबिक अंपायर के फैसले पर रिव्यू लेने से पहले खिलाड़ी अंपायर से बातचीत कर पूछ सकेगा कि क्या बल्लेबाज ने गेंद को खेलने की सही कोशिश की थी या नहीं। इससे उसे रिव्यू लेने में आसानी होगी और रिव्यू बर्बाद नहीं होगा।

शॉर्ट रन का फैसला अब थर्ड अंपायर के हाथों में
तीसरा बदलाव ICC ने शॉर्ट रन को लेकर किया। नए नियम के मुताबिक शॉर्ट रन का फैसला टीवी अंपायर करेगा। ICC ने बयान में कहा कि थर्ड अंपायर रीप्ले में इसकी समीक्षा करेगा। अगर कोई गलती होती है, तो अगली गेंद फेंके जाने से पहले इसे सही करेगा।

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