वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना का संचालन वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। जहां पर पंचायत एवं जिला प्रशासन पर सूची से हितग्राहियों का नाम काटकर पात्र हितग्राहियों को लाभ न देकर अपात्र हितग्राही को लाभ देने का आरोप ग्रामीणों के द्वारा लगाया जा रहा है। इसी कड़ी में जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत पदमपुर के ग्रामीण 30 सितंबर को जनपद कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने अपना आक्रोश व्यक्त कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मुलाकात करनी चाहिए परंतु वह कार्यालय में उपस्थित न होने से उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा पंचायत एवं जिला प्रशासन पर उनकी शिकायत को अनदेखी करते हुए भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए बताया कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राही है जिनका नाम आवास सूची से काट दिया गया है। जबकि ग्राम में कई अपात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ दिया गया है जिसमें उनके द्वारा शासन प्रशासन से मांग की जा रही है कि उक्त मामले में जांच कर जिम्मेदार पर कार्यवाही कर उन्हें योजना का लाभ दिया जाए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे।
यह है मामला
ग्राम पंचायत पदमपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची योजना लागू होने के बाद प्रकाशित की गई थी। समय-समय पर यह सूची अपडेट कर प्रकाशन किया गया जिसमें ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त सूची में उन लोगों का नाम दर्ज था जिन्हें योजना का लाभ दिया जाना था परंतु अचानक उनके नाम सूची अपडेट करने के नाम पर हटा दिए गए। वहीं कुछ हितग्राही को यह बोला गया कि उन्हें योजना का लाभ मिलने वाला है तो वह दस्तावेज दे जिस पर हितग्राही के द्वारा अपने बैंक खाते की पासबुक आधार कार्ड जॉब कार्ड सहित अन्य दस्तावेज पंचायत में जमा करवा दिए गए उसके बाद भी उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया गया। जिससे परेशान होकर ग्रामीणों के द्वारा जनसुनवाई में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अपनी व्यथा बताई गई तो उन्होंने जॉब कार्ड मैं त्रुटि होने की बात कहीं। जिस पर यह बात सचिव से पूछी गई तो सचिव द्वारा जॉब कार्ड को परफेक्ट बताया गया क्योंकि आज भी मनरेगा योजना अंतर्गत इस जॉब कार्ड के तहत रोजगार कई परिवारों को प्राप्त हो रहा है। पंचायत द्वारा पोर्टल की समस्या बताई जा रही है इस परिस्थिति में ग्रामीण काफी परेशान है जिनके लिए भ्रम की स्थिति बनी हुई है। जो शासन प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप कर जांच करने उनके नाम काटने वालों पर कार्यवाही कर योजना का लाभ दिए जाने की मांग की जा रही है।
ग्रामीण राजकुमार जांगड़े ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए हम सभी ग्रामीण यहां पर आए हुए हैं। 2 वर्ष से हम बहुत ज्यादा परेशान हैं सूची से हमारा नाम काटा जा रहा है अधिकारी के द्वारा कारण भी नहीं बताया जा रहा है। अभी तक हमें योजना का लाभ न मिलने का कारण तक नहीं पता है ऐसे में हमारा नाम जो काटा गया है जिसको लेकर हम आक्रोश में हैं। अधिकारी से जब चर्चा करो तो यह कभी पोर्टल को तो कभी जॉब कार्ड की समस्या बताते हैं जबकि दोनों यही लोग ठीक बताते हैं। अब समझ नहीं आ रहा है कि हम योजना के लिए पात्र होकर अपात्र कैसे हो गए अभी हम सभी अधिकारियों के पास गए थे तो उन्होंने जॉब कार्ड की समस्या बताई। सचिव को पूछा तो वह सही बता रहा है ऐसे में ग्रामीणों को यह भ्रमित कर रहे हैं हम चाहते हैं की पात्र लोगों को योजना का लाभ मिले वह परेशान ना हो उनका कार्य किया जाये। परंतु ग्राम में सक्षम लोगों को मकान दिए गए हैं गरीब लोग भटक रहे हैं इस मामले में प्रशासन को संज्ञान लेते हुए जांच करनी चाहिए और स्पष्ट कारण हमें बताया जाना चाहिये।
ग्रामीण राजेन्द्र दाते ने पदमेश से चर्चा में बताया कि हमारे साथ बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है प्रधानमंत्री आवास योजना में हमारे नाम थे परंतु अचानक हमारे नाम सूची से गायब हो गए हमें लगता है कि हमारा नाम आवास सूची से काट दिया गया है। इसके स्थान पर दूसरों को लाभ दिया जा रहा है और नये लोगों को यह जोड़ रहे हैं परंतु हमारा आज भी कोई अता-पता नहीं है। हमारे जैसे 300 नाम काटे गए हैं जिनको मकान की आवश्यकता थी इसके लिए हम जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ से मुलाकात करे थे उन्हें आवेदन भी दिया था परंतु अभी तक कुछ हुआ नहीं है। जिसको लेकर जनपद पंचायत वारासिवनी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे और शिकायत भी करने आए हुए थे परंतु यहां पर वह उपस्थिति ही नहीं है। ग्राम में बहुत ज्यादा स्थिति खराब है इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए वर्तमान पंचायत सचिव जो है वह आवास योजना की लिस्ट हमें नहीं दे रहा है ना हमें बता रहा है कहता है कि तुम्हारा आवास आया नहीं है। जबकि पहले हमारे नाम के मकान आए हैं फिर भी हमें लाभ नहीं दिए हैं।
ग्रामीण श्रीमती सतवंती नगपुरे ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि मेरा घर गिर गया है जिसमें सरपंच ने कहा था कि दिवाली में तुम्हारा मकान आ जाएगा। दो दिवाली बीत गई है मैं आज तक किराए के मकान में परिवार के साथ रह रही हूं हमारे पास रहने जगह नहीं है। 2 वर्ष पहले तुम्हारा प्रधानमंत्री योजना में मकान स्वीकृत हो गया है ऐसा बोलकर खाता आधार कार्ड और जॉब कार्ड की छाया प्रति और अन्य दस्तावेज मांगे गए थे कहा गया था कि तुम्हें आवास मिलेगा। परंतु उसके बाद आज तक मुझे आवास नहीं मिला है मेरे पति पांच भाई है जिसमें दो भाई को मकान स्वीकृत हुआ था जिन्होंने मकान के दोनों छोड़कर बने बीच में हमारा मकान था टूट गया जिसमें आग भी लगी थी। वह गिर गया तो अब हम किराए से रह रहे हैं 2019 में मेरा घर जला था यह दस्तावेज सहायक सचिव बीजू बघेल के द्वारा मांगे गए थे। परंतु 3 वर्ष से ज्यादा का समय हो गया अब हम रास्ता देख रहे हैं और जॉब कार्ड की समस्या बताते हैं तो मनरेगा की मजदूरी आज भी उसी के हिसाब से मिल रही है। हम चाहते हैं कि हमारी समस्या का निराकरण हो जो भी परेशानी है उसे खत्म किया जाये।
इनका कहना है
दूरभाष पर चर्चा में बताया कि ग्राम में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नियम से दिया जा रहा है। इस दौरान सूची में तीन नाम का विषय मेरे पूर्व के सचिव के समय से है जिसमें जांच चल रही है अभी नया आवंटन आया था तो उसका भी वितरण किया जा रहा है।