ब्रिटेन में चीनी LED लाइट्स के जरिए जासूसी:लैपटॉप, फ्रिज जैसे घरेलू सामान से भी जानकारी हासिल कर रहा चीन, इनमें माइक्रोचिप लगी हैं

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चीन का जासूसी नेटवर्क दुनिया में इतना फैल चुका है कि वह ब्रिटेन जैसे देशों के करोड़ों लोगों की निजी जानकारियां चुटकी में हासिल कर सकता है। इसके लिए उसने जासूस नहीं रखे हैं, बल्कि फ्रिज, लैपटॉप, मोबाइल फोन या मिक्सर-ग्राइंडर जैसा घरेलू सामान ही काफी हैं।

ब्रिटिश सरकार ने एक लंबी जांच के बाद बताया है कि घर-घर में इस्तेमाल हो रहे चीनी सामान में माइक्रोचिप लगी हैं, जिनके जरिए चीन निजी जानकारियां हासिल करता रहता है। यही नहीं, कारों में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स, जो चीन से बनकर आते हैं, उनमें भी जासूसी चिप लगी हैं।

ब्रिटिश सरकार ने अपने नागरिकों को चेतावनी दी
ब्रिटिश सरकार ने अपने मंत्रियों और नागरिकों को सतर्क किया है कि आपके घर में लगा LED बल्ब भी चीन का जासूसी उपकरण हो सकता है। इसलिए यह मामला सिर्फ निजता का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का है।

ब्रिटेन की कई यूनिवर्सिटीज ने चीन की कंपनियों के साथ टेक्नोलॉजी से संबंधित समझौते किए हैं। ब्रिटिश सरकार को अब लगने लगा है कि ये चीनी कंपनियां ब्रिटिश यूनिवर्सिटीज से रिसर्च से जुड़ी जानकारियां चोरी कर रही हैं। इनमें ज्यादातर वे कंपनियां भी हैं, जिन पर अफ्रीकी देशों में जासूसी के आरोप लग चुके हैं। कुछ कंपनियां जो बैन हो चुकी थीं, नए नामों से चल रही हैं।

बड़ी चिंता इसलिए- दुनिया के टेक्नोलॉजी बाजार में 54% हिस्सेदारी चीन की सिर्फ 3 कंपनियों की
टेक्नोलॉजी डिवाइस को जासूसी के लिए इस्तेमाल करने के खुलासे ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि चीन की सिर्फ 3 कंपनियां ‘क्वेक्टेल’ ‘फाइबोकॉम’ और ‘चाइना मोबाइल’ इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस के ग्लोबल बाजार में 54% हिस्सेदारी हासिल कर चुकी हैं। दुनिया में 10 बड़ी लैपटॉप कंपनियां इन्हीं तीन कंपनियों के पार्ट्स इस्तेमाल करती हैं। कनेक्टिविटी से जुड़े बिजनेस में इन तीन कंपनियों ने दुनिया के बाजार में 75% हिस्सेदारी हासिल कर ली है।

अहम बात यह है कि तीनों ही कंपनियां चीनी सरकार के नियंत्रण में हैं। टेस्ला जैसी बड़ी कार कंपनियां कनेक्टिविटी के लिए इन्हीं तीन कंपनियों का नेटवर्क इस्तेमाल करती हैं।

5G नेटवर्क से प्रमुख लोगों और बड़े संस्थानों पर नजर
ब्रिटिश सरकार के मुताबिक, चीनी सामान में लगे जासूसी चिप 5जी नेटवर्क से ऑपरेट हो रहे हैं। ये चीन में अलग-अलग सर्वर से जुड़े हैं। इनमें ब्रिटेन के प्रमुख लोगों, संस्थानों और सैन्य गतिविधियों का डेटा पहुंच रहा है। चीन की ज्यादातर बड़ी कंपनियां सरकारी हैं। खासकर टेलीकॉम के प्रोडक्ट सरकारी कंपनियां ही बना रही हैं। ये प्रोडक्ट ब्रिटेन ही नहीं, दुनिया के हर देश में बिकते हैं।

दुनियाभर में सैन्य मूवमेंट की हर जानकारी जुटाई जा रही
ब्रिटेन की इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन ने अमेरिकी हथियारों की छोटी सी छोटी मूवमेंट की जानकारी बड़ी आसानी से जुटाई थी। अमेरिका कब, कितने और कैसे हथियार ताइवान को दे रहा है, इसकी पूरी जानकारी चीन ने पहले ही जुटा ली थी। हथियारों की सप्लाई आने से पहले ही चीनी लड़ाकू विमानों ने ताइवान के चारों तरफ उड़ना शुरू कर दिया था। जंगी जहाज तैनात कर दिए गए थे।

प्रोडक्ट का फीडबैक जानने के लिए भी जासूसी हो रही
चीन में 22 साल राजनयिक रहे कॉर्लेस पार्टन ने बताया कि किसी भी देश में जहां चीन का सामान है, जासूसी की पूरी आशंका है। क्योंकि, चीन ये जानकारियां सिर्फ सुरक्षा मामलों के लिए नहीं जुटाता, बल्कि उसके लिए यह कस्टमर फीडबैक भी है।

ये डिवाइस जासूसी के लिए दशकों से इस्तेमाल हो रही हैं
लैपटॉप, वॉयस कंट्रोल्ड स्मार्ट स्पीकर, स्मार्ट वॉच, स्मार्ट एनर्जी मीटर, CCTV कैमरे, दुनियाभर में पुलिस द्वारा इस्तेमाल होने वाले कैमरे, डोरबेल कैमरे, कार्ड पेमेंट मशीनें, हॉट टब, कारें आदि। तमाम खुलासों के बावजूद इस समस्या का हल नहीं निकल पाया है।

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